#housewife
‘लोगों की आलोचनाओं से मिलने वाले दुःख से कैसे बचें?’
क्या आपने ग़ौर किया है कि क्रिकेट के किसी कप्तान की अल्पकालिक असफलता से आलोचनाओं के कई द्वार खुल जाते हैं। कई पूर्व खिलाड़ी, जो उस कप्तान की तुलना में कहीं नहीं ठहरते; उनकी कप्तानी पर उंगली उठाने लगते हैं। इतना ही नहीं, हर गली में अमूमन ऐसे एक अथवा दो क्रिकेट पंडित तो मिल […]
Read Moreजजों ने लेखन-सहिंता रचकर कह दिया : नारी तू अबला नहीं!
के. विक्रम राव अंततः सर्वोच्च न्यायालय ने महिला-संबंधी विषयों पर प्रयुक्त भाषा और शब्दों को सभ्य, शालीन और सुसंस्कारी बना ही दिया। अमूमन यह वैयाकरणों और भाषाविदों का क्षेत्र है। फिलहाल प्रधान न्यायाधीश धनंजय यशवंत चंद्रचूड ने कल (16 अगस्त 2023) एक दूरगामी न्यायिक कदम उठाया है। इसका प्रभाव भारतीय मीडिया पर तो निश्चित पड़ेगा […]
Read Moreसकारात्मक मन की भावभूमि से रची पुस्तक है-‘नौकरस्याही के रंग’
लेखक भारत गणराज्य के महामहिम राष्ट्रपति जी के विशेष कार्य अधिकारी-ओएसडी रह चुके हैं। आप अहिंसा आयोग और अहिंसक सभ्यता के पैरोकार हैं। पुस्तकें मनुष्य की कई पहेलियों को शांत कर देती हैं और पाठक पर अपनी एक नई छाप छोड़ देती हैं, बस पाठ करने वाला व्यक्ति उसकी संवेदना को मनोयोग से समझ भर […]
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