#Fakhruddin Ahmed

Analysis

फिर न आए कभी वैसी भयावह  सुबह : 26 जून 1975 वाली!

के. विक्रम राव आज ही की वह स्याह सुबह थी, एक दम असगुनी। बृहस्पतिवार, 26 जून 1975, माह श्रावण की तृतीया। पखवाड़ा था कालिमाभरा कृष्णपक्ष वाला। बीती रात भी बिना चांदनी के ही थी। बड़ी गमगीन। उसके चंद घंटे पूर्व 70 साल के अलसाते बुड्ढे मियां फखरुद्दीन अली अहमद ने पाया कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी […]

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