Prime Minister Indira Gandhi
कांग्रेसी करोड़पति सांसद, उधर आदिवासी विधायक, मगर निर्धन!
के. विक्रम राव दो दृष्टांत है : राजनीतिक कदाचार और सदाचार के। दोनों ताजा घटनाएं हैं। कल (8 नवंबर 2023) की। एक पर नाज तथा हर्ष होता है, दूसरे पर ग्लानि और क्रोध। सैलाना (मध्य प्रदेश) के आदिवासी कमलेश्वर डोडियाल विधायक चुनाव जीता, मगर चंदा मांगकर। अभी पांच लाख का उधार चुकाना है। इस खेतिहर […]
Read Moreग्रीस में पीएम मोदी को “ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर” से किया गया सम्मानित
शाश्वत तिवारी ग्रीस की राष्ट्रपति कतेरीना साकेलारोपोलू ने पीएम नरेंद्र मोदी को “द ग्रैंड क्रॉस ऑफ द ऑर्डर ऑफ ऑनर” से सम्मानित किया। बता दें कि ऑर्डर ऑफ ऑनर की स्थापना 1975 में की गई थी। ऑर्डर ऑफ ऑनर का ग्रैंड क्रॉस ग्रीस के राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्रियों और प्रतिष्ठित हस्तियों को प्रदान किया जाता है, […]
Read Moreकाम नहीं तो वेतन नहीं! सांसदों पर हो लागू !!
के. विक्रम राव संसद की अम्मा कहलानेवाली ब्रिटिश हाउस ऑफ कामंस का यह नजारा है अप्रैल 1653 का। कहीं इसी का पुनरावर्तन भारत में न हो ? तब जनरल ओलिवर क्रामवेल अपने सैनिकों की संगीनों के बल पर लंदन में सदन को खाली करा दिया था। एक ही घोषणा उसकी थी : “बेईमानों, भागो। सत्पुरुषों […]
Read Moreफिर न आए कभी वैसी भयावह सुबह : 26 जून 1975 वाली!
के. विक्रम राव आज ही की वह स्याह सुबह थी, एक दम असगुनी। बृहस्पतिवार, 26 जून 1975, माह श्रावण की तृतीया। पखवाड़ा था कालिमाभरा कृष्णपक्ष वाला। बीती रात भी बिना चांदनी के ही थी। बड़ी गमगीन। उसके चंद घंटे पूर्व 70 साल के अलसाते बुड्ढे मियां फखरुद्दीन अली अहमद ने पाया कि प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी […]
Read Moreचुनाव की विविधा! सियासत में दांवपेंच!!
भाजपाइयों में व्यंगबोध ओझल हो रहा है। कल (27 अप्रैल 2023) जब कर्नाटक चुनाव अभियान में कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने नरेंद्र मोदी को नाग कह दिया तो बिफर कर निर्मला सीतारमन ने बवाल मचाया। अरे ! उसी लहजे में वे कह देतीं कि “सोनिया गांधी नागिन है।” शाब्दिक हिसाब बराबर हो जाता। जोड़ीदारी भी। […]
Read Moreविपक्षी एकता विपक्ष की आवश्यकता,
डॉ. ओपी मिश्र अमूमन इतिहास में अपने आप को दोहराता है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यदि विपक्षी पार्टियां एक होकर 1977 का इतिहास दोहराते हैं तो कोई नई बात नहीं है। पाठकों को याद होगा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जब 1975 में आपातकाल लगाया था तो 1977 के चुनाव से पहले […]
Read Moreजब इंदिरा गांधी संसद से निष्कासित हुईं
दादी भी पोते की तरह सांसदी गुमा चुकी हैं। यह बात 1978 की है। ठीक 44 वर्ष गुजरे (21 नवम्बर 1978) एक सियासी आँधी आयी थी। रायबरेली में जख्मी होकर, इंदिरा गांधी चिकमगलूर (कर्नाटक) से चुनाव जीती थीं। कवि श्रीकांत वर्मा, (पहले लोहियावादी, बाद में फिर इंदिराभक्त) ने कारगर नारा गढ़ा था, “एक शेरनी सौ […]
Read Moreमोदी के साथी नेतनयाहू फिर सत्तासीन!
के. विक्रम राव भारतमित्र, यहूदी गणराज्य इजराइल के पुननिर्वाचित प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू के प्रचार-अभियान में एक पोस्टर चमक रहा था। नरेंद्र मोदी और नेतनयाहू के गले मिलने का। आम इजराइली जानता है कि भारत ही इस्लामी अरब शत्रु राष्ट्रों से घिरे इस यहूदी देश का सच्चा मित्र है। बारह वर्ष प्रधानमंत्री रहे नेतनयाहू गत वर्ष […]
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