#distress life

Litreture

कविता : कवि की कविता कि सीमा है,

कवि की कविता की सीमा है, वह जितनी कल्पना करता है, बस उतना ही तो कह पाता है, शेष सभीअनकहा रह जाता है। मन जब खोया खोया लगता है, तब तन भी मुरझाया सा लगता है, पर खोया कभी कहाँ मिल पाता है, बस मिला हुआ भी खो जाता है । मानव जीवन में तो […]

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