Human life
Litreture
कविता : कवि की कविता कि सीमा है,
- Nayalook
- March 12, 2023
- #distress life
- disaster
- Human life
कवि की कविता की सीमा है, वह जितनी कल्पना करता है, बस उतना ही तो कह पाता है, शेष सभीअनकहा रह जाता है। मन जब खोया खोया लगता है, तब तन भी मुरझाया सा लगता है, पर खोया कभी कहाँ मिल पाता है, बस मिला हुआ भी खो जाता है । मानव जीवन में तो […]
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Litreture
पेंड़ पौधों की काट छाँट व मानव जीवन का परिमार्जन
जब पेंड़ और पौधों की ज़रूरत के अनुसार ही काट-छाँट की जाती है, उनका वृद्धि, विकास होने लगता है, यह उनकी जड़ें भी मजबूत करता है। निर्जीव शाखायें काट दी जाती हैं, तब उनकी हरियाली भी बढ़ती है नई शाखायें पनपने भी लगती हैं, और एक वृक्ष की शक्ल मिलती है। मानव जीवन भी कुछ […]
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