Analysis
हिटलरी कमांडर कांपते थे उस यहूदी सार्जेंट के टाइपराइटर से!!
यह शोक-सूचना है, एक शौर्य दास्तां भी, उस अमेरिकी यहूदी वकील की जिसने दस लाख बेगुनाह नागरिकों की नृशंस हत्या के दोषी हिटलरी फौजियों को फांसी पर लटकवाया। न्याय दिलवाया। वकील बेंजामिन फ्रेंज की 103 वर्ष की आयु में गत शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) फ्लोरिडा में मृत्यु हो गई। उनकी जिरह के परिणाम में जो […]
Read More19 वीं सदी के समाज सुधारक ज्योतिबा फुले आज़ भी प्रेरणास्रोत
मेनिका साकेत स्वतंत्र अध्येता हैं। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर (मध्य प्रदेश) समाज में सुधार के लिए हमेशा महान विभूतियों ने अनेकों कार्य किया है। 11 अप्रैल 1827 के दिन अवतरित हुए महान समाज सुधारक एवं शिक्षाविद ज्योतिबा फुले जी ने अपनी सदी के भेदभावपूर्ण जिस समाज को देखा- “जिसमें मानव को मानव नहीं दानव […]
Read Moreकब प्रौढ़ होंगे हमारे मीडियाकर्मी? बलूच बागी को अपना बिरादर मानें!!
आजादी के साढ़े सात दशक बाद भारतीय मीडिया आज भी अंग्रेजी औपनिवेशिक प्रवृत्ति से ग्रस्त है, गाफिल है। विदेश के समाचार-प्रकाशन में राष्ट्रीय भावना को अपने मन में बैठाने और पाठकों को समझाने में विफल रहा है। उदाहरण हैं आज (आठ अप्रैल 2023) के अखबार। मसलन बलूचिस्तान की खबर आई कि पाकिस्तान के नवउपनिवेशवाद के […]
Read Moreमुसल्लम ईमान पर फ़िदा, यही है मोदी की अदा…
मुसलमान का मतलब होता है मुसल्लम ईमान। यानी जिसका ईमान पूरे का पूरा क़ायम रहे, जो चट्टान की तरह अटल रहे और शबनम की तरह पाक। यकीनन इसी के मद्देनज़र, योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति तारिक मंसूर को विधान परिषद सदस्य (MLC) के रूप […]
Read Moreप्रोत्साहन बंद होने से निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगा अंकुश
शिक्षा के लिए निजी स्कूल-कॉलेजों पर से सरकार को निर्भरता करनी होगी कम और बढ़ाना होगा शिक्षा का बजट शिक्षा तंत्र होगा मजबूत तो अभिभावक अपने बच्चों को भेजेंगे सरकारी स्कूलों में विदेशी विश्वविद्यालयों के आने से भारतीय विश्वविद्यालयों में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा लखनऊ। बच्चों की मंहगी हुई पढ़ाई-लिखाई के बोझ के तले आज के दौर […]
Read Moreफर्जी इतिहास पढ़ाना देशद्रोह है!
हायतोबा बड़ा मच गया फिर, जब हाल ही में सुर्खियों में खबर आई कि इतिहास की पुस्तकों में से मुगल काल हटा दिया गया है। यह वाजिब है क्योंकि अंग्रेजी राज में ही इतिहास लेखन की पीठिका गठी गयी थी जिसका ध्येय था कि इस्लामी कालखंड को सकारात्मक नजर से ही पेश किया जाए, ताकि […]
Read Moreमूल्य आधारित शिक्षा है सुख की अनुभूति का आधार
हमारी प्राचीन गौरवशाली भारतीय संस्कृति समस्त विश्व के सुख, समृद्धि एवं शान्ति की कामना करती है। भारतीय चिन्तन में व्यष्टि से समष्टि तक का विचार किया गया है। भारतीय पर्व इस बात का प्रतीक हैं। यहां पर प्राय: प्रतिदिन कोई न कोई लोकपर्व, व्रत, पूजा एवं अनुष्ठान का दिवस होता है, जो इस बात का प्रतीक है कि भारतीय […]
Read Moreमुस्लिम सियासत का नया सितारा! भाजपायी विधायक-शिक्षक मंसूर!!
दशकों बाद भाजपा को मुसलमानों में एक निष्ठावान तथा निखालिस पुरोधा हासिल हुआ है : डॉ. प्रोफ़ेसर तारिक मंसूर। यूपी के नवनामित विधायक। नेता योगी आदित्यनाथ के विधानमंडल के ताजातरीन सदस्य हैं। वे पेशे से सर्जन हैं, चिंतन से समावेशी व्यक्ति हैं। अभी तक भाजपा (पिछला जनसंघ का अवतार मिलाकर) ऐसी मुस्लिम शक्लों को तलाशती […]
Read Moreसर्कसी शेर की अब धुंधली याद ही है! न भालू रहा, न हाथी, बस घोड़ा बचा !
तब तक टीवी ने हम लोगों की शाम को बख्श दिया था। ईजाद ही नहीं हुआ था। मोबाइल ने दिनरात हड़पे नहीं थे। वह भी नहीं बना था। उस दौर में वक्त खुद प्रतीक्षा करता था। शहर में सर्कस लगने की खबर आते ही, आग जैसी फैलती थी। परिवारों में तो खासकर। मगर अब […]
Read Moreजब इंदिरा गांधी संसद से निष्कासित हुईं
दादी भी पोते की तरह सांसदी गुमा चुकी हैं। यह बात 1978 की है। ठीक 44 वर्ष गुजरे (21 नवम्बर 1978) एक सियासी आँधी आयी थी। रायबरेली में जख्मी होकर, इंदिरा गांधी चिकमगलूर (कर्नाटक) से चुनाव जीती थीं। कवि श्रीकांत वर्मा, (पहले लोहियावादी, बाद में फिर इंदिराभक्त) ने कारगर नारा गढ़ा था, “एक शेरनी सौ […]
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