सुरक्षा के बजाए जेल मुख्यालय में फाइल ढो रहे वार्डर!

  • विभाग से रिटायर हुए अफसरों के घरों पर लगे कई सुरक्षाकर्मी

आरके यादव

लखनऊ। जेलों में बंदियों की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए वार्डर शासन, मुख्यालय ही नही रिटायर अफसरों के घरों पर चाकरी कर रहे है। यह बात सुनने में भले ही अटपटी लगे लेकिन सच है। मजे की बात यह है कि घरों में कुत्ता टहलाने, कपड़ा धोने, खाना बनाने के लिए लगाए गए सुरक्षाकर्मी को अभी तक हटाया नही गया। विभाग में कार्यरत के साथ रिटायर्ड अफसरों के घरों पर सुरक्षाकर्मियों को लगा रखा है। जेलों की सुरक्षा के लिए तैनात दर्जनों की संख्या में सुरक्षाकर्मियों को जेल मुख्यालय में फाइल ढोने के लिए लगा रखा गया है।

विभागीय जानकारों और दस्तावेजों के मुताबिक राजधानी जेल मुख्यालय से रिटायर्ड एआईजी के घर पर सेवा के लिए लगे वार्डर को वापस करने का आदेश किया। इसी प्रकार करीब आठ साल पहले जेल मुख्यालय से डीआईजी मुख्यालय के पद से सेवानिवृत्त हुए के घर पर भी जेल का एक वार्डर चाकरी कर रहा है। इसी प्रकार रिटायर्ड एआईजी के यहां हरदोई, सीतापुर व लखीमपुरखीरी जेल से वार्डर चाकरी के लिए लगाए गए है। यह तो बानगी भर है। इसी प्रकार कई सेवानिवृत्त अधिकारियों के घरों पर अनाधिकृत रूप से वार्डरों को तैनात कर रखा गया है।

इस सच की पुष्टि कारागार मुख्यालय के दस्तावेज से की जा सकती है। सूत्रों का कहना है कि यही नहीं जेल की सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हेड वार्डर और वार्डरों को दर्जनों की संख्या में जेल मुख्यालय में फाइल ढोने के लिए लगा रखा है। जेलों की सुरक्षा को काटकर जेल मुख्यालय में लगाए गए इन वार्डरों को लंबे समय तक हटाया नहीं जाता है। वर्तमान समय में प्रदेश की विभिन्न जेलों से करीब छह से सात दर्जन सुरक्षाकर्मी मुख्यालय में अटैच किए गए हैं। एक बार अटैच होने के बाद यह सुरक्षाकर्मी लंबे समय तक मुख्यालय पर ही जमेे हुए हैं। उधर जेल मुख्यालय के डीआईजी अरविंद कुमार सिंह से जब बातचीत करने का प्रयास किया गया तो उनका फोन ही नहीं उठा। मुख्यालय के अन्य अधिकारी इस गंभीर मसले पर टिप्पणी करने से बचते नजर आए।

प्रमुख सचिव कारागार का आदेश हुआ हवा हवाई

प्रदेश की विभिन्न जेलों से मुख्यालय और अन्य जेलों पर अटैच सुरक्षाकर्मियों को अपने मूल तैनाती स्थल पर भेजने के लिए प्रमुख सचिव कारागार की ओर बीते दिनों एक आदेश किया गया था। यह आदेश भी हवा हवाई ही साबित हुआ। प्रमुख सचिव के निर्देश के बाद भी मुख्यालय और जेलों से सम्बद्ध किसी भी जेल सुरक्षाकर्मी हो हटाया नहीं गया। प्रमुख सचिव के आदेश से पूर्व जेलमंत्री स्वतंत्र प्रभार ने भी ऐसा ही एक आदेश किया था। वह भी कागजों में सिमट कर रहा गया।

Raj Dharm UP

योगी की हनक से पस्त हुआ एक और माफिया का गढ़, इस बार स्क्रैप माफिया को चटाया धूल

लक्ष्मी सिंह ने जाते ही उसके अवैध साम्राज्य को बनाया निशाना नोएडा के स्क्रैप माफिया रवि काना की साइड स्टोरी, जानें कैसे बना वो स्क्रैप किंग नोएडा से नया लुक के प्रमुख संवाददाता विनय सिंह की रिपोर्ट वो सत्ता के साथ झंडा बदलने में माहिर है। शातिर इतना कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR […]

Read More
Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More