हिंदू धर्म में क्या है घंटी का महत्व, बजाने से मिलते हैं क्या लाभ?

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता


हिंदू धर्म की बात करें इसमें ऐसी कई चीज़ों का वर्णन किया गया है जिनका पूजा आदि के दौरान उपयोग करना अनिवार्य तो होता ही है, साथ ही साथ लाभदायक भी होता है। परंतु बहुत कम ही लोग ऐसे हैं, जिन्हें इन चीज़ों के बारे में जानकारी होती है। तो आज हम आपको वास्तु शास्त्र में बताई गई एक ऐसी ही चीज़ के बारे में ही बताने जा रहे हैं। आप में से लगभग लोगों ने देखा होगा घर का पूजा स्थल हो या मंदिर आदि, घंटी दोनों जगह पर देखी जाती है। बात करें मंदिर की प्रत्येक मंदिर के प्रवेश द्वारा पर बड़ी से घंटी लगी होती है। जिसे आने जाने भक्त गण बजाते तो हैं परंतु इसे बजाने के पीछे का कारण क्या है, इस बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। मंदिर में प्रवेश करते समय घंटी क्यों बजाई जाती है और इसे बजाने से क्या लाभ प्राप्त होते हैं।

हिंदू धार्मिक व ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक प्रकार की पूजा आदि में घंटी बजाना अति अनिवार्य माना जाता है, कहा जाता है इसके बिना पूजा व आरती संपूर्ण नहीं मानी जाती है। दरअसल हिंदू धर्म ग्रंथों में किए वर्णन के अनुसार मंदिर में घंटी बजाने से वहां स्थापित देवी-देवता की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है। इसके साथ ही ये भी कहा जाता है घंटी बजाने मात्र से  प्रभु की पूजा बहुत प्रभावशाली बन जाती है। शास्त्रों में घंटी बजाने का मतलब ईश्वर के समक्ष आपकी हाजिरी लगना बताया गया है।

हिंदू धर्म से जुड़ी अन्य मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं को घंटा, शंख और घड़ियाल आदि की आवाज अति प्रिय है।अतः घंटी की ध्वनि से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। माना जाता है कि इसकी आवाज से वातावरण में शुद्धता आती है समृद्धि के द्वार खुलते हैं। तो वहीं इसे सृष्टि की रचना के समय गूंजने वाली नाद का प्रतीक माना गया है। यही कारण है कि प्रत्येक प्रकार के शुभ कार्य का प्रारंभ घंटी बजाकर किया जाना शुभ माना जाता है।

घंटी बजाने का वैज्ञानिक वजह-

वैज्ञानिक द्दष्टि से बात करें तो मंदिर में घंटी बजाने के वातावरण में दूर तक तेज कंपन होता है, जिससे हवा में मौजूद विभिन्न तरह के हानिकारक जीवाणु का नाश होता है। इतना ही नहीं मंदिर में घंटी की ध्वनि तरंगें वातावरण को प्रभावित करती हैं और इससे शांत, पवित्र और सुखद माहौल पैदा होता है तथा नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

 

यहां जानिए कितने प्रकार के होती है घंटी-

गरूड़ घंटी- इसका उपयोग घर में होने वाली पूजा में किया जाता है, जो आकार में बेहद छोटी होती है।

द्वार घंटी – इस घंटी को घर के मुख्य द्वार पर लगाया जाता है, इससे नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पाती।

हाथ घंटी – ये घंटी पीतल की ठोस एक गोल प्लेट की तरह होती है, जिसको लकड़ी के एक गद्दे से मारकर बजाया जाता है।

घंटा – ये लगभग 5 फुट लंबा और चौड़ा होता है, जिसके बजाने पर कई दूर किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई देती है।

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