लखनऊ। साल की सभी 24 एकादशियों में से इस एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा है। यह व्रत बिना अन्न जल ग्रहण किए रखा जाता है, इसलिए इस व्रत को निर्जला एकादशी कहा जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 5 पांडवों में से एक भीम यानी कि भीमसेन ने भी अपने जीवनकाल में एक मात्र निर्जला एकादशी का व्रत रखा था, इसलिए इसे भीमसेनी एकादशी भी कहते हैं। आइए आपको बताते हैं इस व्रत का महत्व और इस बार निर्जला एकादशी पर कौन से शुभ योग बन रहे हैं।
निर्जला एकादशी ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं, इस साल यह एकादशी 31 मई को है,
JYOTISH: ये 12 नायाब रत्न दूर कर सकते हैं 12 प्रकार की बीमारियां
राजेन्द्र गुप्ता, ज्योतिषी और हस्तरेखाविद रत्नों को प्रकृति का हमें दिया गया अनमोल और बेजोड़ उपहार माना जाता है। ज्योतिष विद्या में रत्नों का विशेष महत्व बताया गया है। विभिन्न प्रकार के रत्नों को धारण करके जहां ग्रह दशा और दरिद्रता दूर की जा सकती है। वहीं इन्हीं रत्नों के माध्यम से स्वास्थ्य की समस्याओं […]
Read Moreसाहस, पराक्रम और नकारात्मक शक्तियों से बचने के लिए घर के इस दिशा में लगाएं शमी
शमी का पौधा आप ऐसे लगाएंगे और रखेंगे ध्यान तो जीवन में आएगी सुख, शांति और समृद्धि क्या शमी के पौधे को दक्षिण दिशा में रखा जा सकता है? ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र वास्तु के अनुसार घर में किसी भी पौधे को सही दिशा में लगाने की सलाह दी जाती है। खासतौर पर जब हम […]
Read Moreवरुथिनी एकादशी आजः भगवान विष्णु को लगाएं ये भोग, जीवन में होगा खुशियों का आगमन
जयपुर से राजेंद्र गुप्ता एकादशी तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर कामदा एकादशी व्रत किया जाता है। इस बार यह तिथि 19 अप्रैल को है। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-व्रत करने का विधान है। मान्यता है […]
Read More