कविता: “का वर्षा जब कृषि सुखाने”

कर्नल आदि शंकर मिश्र
कर्नल आदि शंकर मिश्र

समय का महत्व जानना है तो

समाचार पत्र से पूछ लीजिये,

जिसका प्रातः इंतज़ार होता है,

शाम तक रद्दी के ढेर में जाता है।

उठो, जागो, तब तक मत रुको,

जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो जाए,

जीना, मरना समय का खेल है,

खेल समझ ले वो आबाद होता है।

दुनिया की किसी चीज़ की तुलना

समय से की ही नहीं जा सकती है,

समय का सदुपयोग ही जीवन में

आगे का मार्ग प्रशस्त करता है।

कविता : तभी दिख जाती हैं कठौती में गंगा

समय की गाड़ी का पहिया हमेशा

चलता रहता है इसका ब्रेक कहाँ है,

जो वक्त एक बार निकल जाता है

फिर लौटकर तो कभी नहीं आता है।

“का वर्षा जब कृषि सुखाने”

“समय चुके पुनि का पछिताने”

आदित्य यदि खेती सूख ही गई है,

तो बारिश का कोई महत्व नहीं है।

 

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