- पेन किलर दवाएं भी जमकर ले रहे हैं नशेड़ी
- बंगाल में कंडोम की बिक्री छू रही आसमान
आशीष दूबे
पश्चिम बंगाल में कंडोम को लेकर अजीबोगरीब खुलासा हुआ है। ANI की रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ दिनों से, दुर्गापुर के विभिन्न हिस्सों जैसे सिटी सेंटर, बिधाननगर, बेनाचिती, और मुचिपारा, सी जोन, ए जोन में फ्लेवर्ड कंडोम की बिक्री आसमान छू गई है। बताया जा रहा है कि यहां युवा अजीब तरीके से कंडोम को अपने नशे के लिए पसंदीदा साधन के रूप में पसंद कर रहे हैं। वैसे तो टूथपेस्ट से लेकर जूते की स्याही तक, पेट्रोल से लेकर बिना पर्ची के मिलने वाली खांसी की दवा या एयरोसोल स्प्रे या यहां तक कि हैंड सैनिटाइजर तक। इन सभी में नशे की क्षमता है, लेकिन इसके साथ ही अब इस लिस्ट में कंडोम भी जुड़ गया है। वहीं कंडोम की बिक्री में भारी बढ़ोत्तरी के साथ, नशा करने के इस अजीब तरीके पर सवाल उठे हैं। पूरे मामले को लेकर पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में लोग सहमे हुए हैं। वहीं दुर्गापुर अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर धीमान मंडल ने इसकी जांच की मांग की है।
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आसानी से उपलब्ध है कंडोम
एक अन्य दुकानदार मलय घोष ने कहा कि कंडोम की बिक्री बढ़ गई है, इसके कई कारण हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा नशे के लिए इस तरह के तरीकों को अपना रहे हैं। इनमें से ज्यादातर चीजें आसानी से मिल जाती हैं। ज्यादातर मामलों में युवा अजीब चीजों के साथ नशा की कोशिश करते हैं, क्योंकि इनके पास पैसे नहीं होते हैं।
10 लाख करोड़ है नशे का कारोबार
UN ऑफिस ऑफ ड्रग एंड कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार साल 2016 में पूरी दुनिया भर में सप्लाई होने वाले कुल गांजा का छह प्रतिशत यानी लगभग 300 टन गांजा अकेले भारत में जब्त किया गया था। यही नहीं वर्ष 2017 में यह मात्रा बढक़र 353 टन हो गई। वहीं चरस की यदि बात की जाए तो साल 20२२ में 3.७ टन चरस सीज की गई। नशे के कारोबार का सटीक आंकड़ा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन विभिन्न एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का अनुमान है कि भारत में इसका सालाना अवैध कारोबार करीब 10 लाख करोड़ रुपये का है। भारत में कैनबिस, एटीएस और कोकीन जैसे नशे के उपयोग का चलन कम है।
यह है पूरा मामला
एजेंसी के मुताबिक, दुर्गापुर अनुमंडल अस्पताल के डॉक्टर धीमान मंडल ने इसकी जांच की मांग की है। ऐसा दावा है कि कंडोम को पानी में भिगोने से मादक पदार्थ बन सकते हैं। अगर यह सच है तो दुर्गापुर के युवाओं ने इसका पता लगा लिया है। उन्होंने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि कंडोम का लेटेक्स कंपाउंड पानी के साथ कैसे रिएक्टिव हो सकता है। उन्होंने कहा कि कंडोम में सुगंधित यौगिक (Aromatic compound) होते हैं। जो युवाओं में लत पैदा कर रहे होंगे।
सबसे ज्यादा युवा नशेड़ी
सामाजिक न्याय मंत्रालय के अनुसार 14 से 30 साल के लोग सबसे ज्यादा नशे का उपयोग करते हैं। भारत में सबसे ज्यादा अल्कोहल ही नशे के लिए इस्तेमाल होता है। उसके बाद कोकीन, हेरोइन, कोरेक्स (खांसी की दवा), अफीम और नशे के इंजेक्शन का भी प्रयोग होता है। पिछले तीन वर्षों में भारत में ड्रग्स का बाजार 455 फीसदी बढ़ा है। अब ड्रग्स का बढ़ता कल्चर गंभीर समस्या बन चुका है। UNODC के आंकड़ों के मुताबिक, दुनिया भर में करीब 23.4 करोड़ लोग ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। हर साल ड्रग्स के कारण करीब दो लाख लोग जान गंवा बैठते हैं।
अफगानिस्तान सबसे बड़ा सप्लायर
पाकिस्तान, म्यांमार और नेपाल से हेरोइन, कोकीन और मॉर्फीन दुनिया भर में सप्लाई की जाती है। अफगानिस्तान दुनिया में अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक है। यहां सालाना 5000 से 6000 टन अफीम पैदा होती है। अेफगानिस्तान से नाटो सेनाओं की वापसी के बाद इसके उत्पादन में और बढ़ोत्तरी हुई है। अमेरीका और एशिया यहां की अफीम के सबसे बड़े खरीदार हैं।
कैसे करते हैं नशा
डॉक्टर धीमान मंडल ने कहा कि इससे युवाओं में कुछ समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। वहीं एक दुकानदार सुजॉय चक्रवर्ती ने खरीदारों में से एक का हवाला देते हुए कहा कि रात भर गर्म पानी में कंडोम भिगोने से मादक कंपाउंड में बड़े कार्बनिक अणुओं ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल के टूटने के कारण नशा होता है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि इसके ज्यादातर खरीदार पुरुष हैं, हालांकि महिलाएं भी नशा करने के लिए कंडोम लेने आती हैं।