डॉ दिलीप अग्निहोत्री
चिकित्सा क्षेत्र में सर्वप्रथम शोध भारत में हुए थे। आयुर्वेद और योग इसी अनुसंधान के प्रतिफल है। भारत की यह धरोहर आज भी उपयोगी और प्रासंगिक है। पिछले कुछ वर्षों में इनके प्रति दुनिया का आकर्षण बढ़ा है। करीब दो सौ देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का व्यापक आयोजन होता है। इससे प्रतिदिन योग करने की प्रेरणा मिलती है। कोरोना महामारी में आयुर्वेद को ही सर्वाधिक प्रभावी माना गया था। लेकिन वर्तमान समय में चिकित्सा की सभी प्रणालियों का महत्त्व है। इसलिए एकीकृत प्रयास सार्थक हो सकते हैं। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इस प्रकार के प्रयासों को सराहनीय बताया।
उन्होने ऐलोपैथी प्रणाली के साथ अन्य प्रणालियों को भी एकीकृत करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने योग से होने वाले स्वास्थय लाभों की चर्चा का उल्लेख किया। आनंदीबेन पटेल बरेली इण्टरनेशनल विश्वविद्यालय बरेली के चौथे दीक्षान्त समारोह को संबोधित किया। राज्यपाल ने विश्व में कोरोना के पुनः बढ़ते प्रसार को देखते हुए सभी से कोरोना सम्बन्धी सावधानियाँ और ऐहतियात रखने को कहा। उन्होंने भारत की स्वदेशी वैक्सीन कोविशील्ड और को-वेक्सीन की चर्चा करते हुए कोरोना के रोकथाम के लिए नवविकसित स्वदेशी नेजल वैक्सीन भारत सरकार ने नेजल वैक्सीन को बूस्टर डोज के तौर पर अपने COVID-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल कर लिया है। स्वास्थ्य सम्बन्धी चर्चा के अंतर्गत राज्यपाल ने मोटे अनाज के महत्त्व को रेखांकित किया।
उन्होंने देश में मोटे अनाजों के घटते उत्पादन पर भी चिन्ता व्यक्त की। साठ के दशक में हमारे देश में कुल खाद्यान्न का चालीस प्रतिशत उत्पादन मोटे अनाज के रूप में होता था। पोषक तत्वों के कारण विश्वस्तर पर इसकी बढ़ती मांग बढ़ रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित कर दिया है। इसके प्रति देश में जागरुकता की आवश्यता है। राज्यपाल ने चिकित्सा की शिक्षा पूर्ण कर उपाधि प्राप्त करने वाले चिकित्सकों से उनके नोबल प्रोफेशन का उल्लेख करते हुए कहा कि वे मरीजों का भरोसा जीतें। चिकित्सक का सौम्य व्यवहार मरीज को ताकत देता है।