मांगों को लेकर कलक्ट्रेट पर गरजे प्राथमिक शिक्षक

रतन गुप्ता

महराजगंज। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े प्राथमिक शिक्षकों ने पुरानी पेंशन बहाली समेत कई मांगों को लेकर मंगलवार को जिला मुख्यालय पर आवाज बुलंद की। धरना स्थल पर जुटे शिक्षकों ने धरना देकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र डीएम को दिया। शिक्षकों ने कहा कि पुरानी पेंशन समाप्त कर सरकार ने बुढ़ापा ही खराब कर दिया है। जो शिक्षक पेंशन नहीं पा रहे हैं, उनमें से अधिकांश के बच्चे उनका उचित सम्मान नहीं कर रहे हैं। राष्ट्रीय संयुक्त सचिव संजय मिश्रा ने कहा कि मांगों को लेकर जनपद से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक संघर्ष की रणनीति तैयार की गई है। पुरानी पेंशन बहाल नहीं किया जाना शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के साथ अन्याय है। सभी शिक्षक संगठित होकर रहें एक दिन सरकार को झुकना ही पड़ेगा। जिलाध्यक्ष बलराम निगम ने कहा पुरानी पेंशन शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का बुढ़ापे का सहारा है। यह देखा जा रहा है कि पुरानी पेंशन बंद किए जाने से अनेक बुजुर्गों का बुढ़ापा खराब हो गया है। बच्चे उनका उचित सम्मान नहीं कर रहे हैं।

एक शिक्षक बच्चों का भविष्य सवारने में अपना पूरा जीवन खपा देता है। लेकिन जब बुजुर्गों को सहारे की जरूरत होती है तो उनको नहीं मिला पा रहा है। मंत्री अम्बरीश शुक्ल ने कहा कि आंदोलन की आंच अब धीमी नहीं होने दी जाएगी। शिक्षक कर्मचारी अपना अधिकार लेकर ही रहेंगे। कोषाध्यक्ष दीलिप विश्वकर्मा ने कहा कि सरकार को अपना हठ छोड़ देना चाहिए। धरने को नीरज राय, चंदन द्विवेदी, राजेश धारिया, विमलेश राय, अशोक सिंह, अमित सिंह, सुदामा प्रसाद, गौस आलम, घनश्याम यादव, अतुल पटेल, अख्तर हुसेन, दिनेश कन्नौजिया, रवि मिश्रा, नंदू गुप्ता, अखिलेश मिश्रा, आनंद सिंह, पवन पटेल, सुनील मिश्रा व मुकेश सिंह आदि ने संबोधित किया। धरने में अरूण पासवान, शशिकेश तिवारी, राकेश तिवारी, विजय यादव, संतोष मिश्रा, सर्वेश, संजय कुमार, किरन त्रिपाठी, वंदना, वर्षा सिंह, रीमा सिंह, सुनीता खरवार आदि शिक्षक मौजूद रहे।

ये हैं मांगें

01-पुरानी पेंशन बहाल किया जाए।

02-शिक्षामित्र, शिक्षाकर्मी, नियोजित शिक्षक सभी को नियमित किया जाए।

03-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जगह प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जाए।

04-पूरे देश में सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों का क्रियान्वयन किया जाए।

अन्य प्रांतीय व जनपदीय मांगें

01-रिक्त पदों के सापेक्ष पदोन्नति की जाए।

02-अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण किया जाए।

03-जनपद के अंदर स्थानांतरण व समायोजन किया जाए।

04-शिक्षा मित्रों व अनुदेशकों को स्थायी किया जाए।

05-रसोइयों का मानदेय बढ़ाया जाए।

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