पहलगाम कांड का बदला:अंतिम सांसें गिन रहा आतंकी संगठन

भारतीय सेना की हुंकार के आगे दहशतगर्द ने टेका घुटने

ए अहमद सौदागर

लखनऊ। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की हुई मौत का बदला लेते हुए भारतीय सेना को मंगलवार की देर रात एक बड़ी कामयाबी मिली, जिसमें भारतीय सेना के जवानों ने मिसाइलें से सटीक हमला करते हुए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश – ए मोहम्मद के प्रशिक्षण ठिकानों को तबाह कर दिया। यह कार्रवाई पिछले 25 अप्रैल दिन मंगलवार 26 पर्यटकों की हुई मौत के बाद की गई।

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने जिस तरह हुंकार भरी इससे साफ है कि अब दहशतगर्द अंतिम सांसें गिन रहा है। पहलगाम कांड से पहले 14 फरवरी 2019 में पुलवामा में जम्मू-कश्मीर राष्ट्रीय राजमार्ग भारतीय सुरक्षा कर्मियों को ले जाने वाले सीआरपीएफ के वाहनों के काफिले पर आतंकवादियों ने आत्मघाती हमला कर दिया जिसमें 40 भारतीय सुरक्षा कर्मियों की जान चली।

जानकार बताते हैं कि पुलवामा कांड के बाद ही खुफिया तंत्र ने आगाह किया था कि आतंकी संगठन फिर देश व प्रदेश में बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के लिए अपनी जमीन तैयार कर रहा है लिहाजा सतर्क रहने की जरूरत है। इस मामले में शायद तंत्र शायद बेखबर रहा नतीजतन 22 अप्रैल 2025 को आतंक का पर्याय बने आतंकियों ने 26 पर्यटकों के सीने में गोलियों की बौछार कर मौत की नींद सुला दिया।

यह घटना देश व प्रदेश के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं थी। बताते चलें कि आतंकियों के स्लीपिंग माड्यूल्स को कैसे कुचला जाए इसके लिए ऑपरेशन सिंदूर का गठन तैयार किया गया। केन्द्र सरकार की अनुमति मिलते ही भारतीय सेना के जवान उछल पड़े और पहलगाम कांड का बदला लेने के लिए हुंकार भरते हुए आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद के प्रशिक्षण ठिकानों पर मिसाइलें दागी।

भारतीय सेना की कार्रवाई देख दहशतगर्दों के माथे पर पसीना आ गया और छिपने के लिए जगह तलाशने लगे। पहलगाम कांड को अंजाम देने वाले वाले दहशतगर्द भारत सीमा से सटे पाकिस्तान में कैंप बनाकर फिर किसी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में प्रशिक्षण दे रहे हैं इसकी भनक लगते ही भारतीय सेना चौकन्ना हुई और सिलसिलेवार मिसालें दागकर आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश ए मोहम्मद के ठिकानों को को तबाह कर दिया। भारतीय सेना की इस कार्रवाई को देखते हुए आतंकी संगठन अब अंतिम सांसें गिन रहा है।

सनद रहे कि दो-चार दशक पहले से देश व प्रदेश के कोने-कोने में अपनी नर्सरी तैयार करने में जुटे दहशतगर्द से सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा था, लेकिन आज स्थिति बदल गई है। आज सिर्फ आतंकवाद में कमी आई है बल्कि कई खूंखार आतंकी संगठन के मास्टरमाइंड मारे गए चाहे आतंकी अजमल कसाब रहा हो या फिर अफजल गुरु।

फिर आतंकी संगठन उभरने की कोशिश किया, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के तहत जिस तरह से भारतीय सेना के जवानों ने दहशतगर्दों को घुटने टिकाया इससे साफ है कि अब नापाक इरादों वाला पाकिस्तान भारतीय सेना से बचने के लिए दुहाई मांग रहा है।

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