देवी के नौ रुप हमारी आंतरिक शक्तियां

  • अधर्म और अन्याय के खिलाफ मिल कर संघर्ष करें
  • सामूहिक चेतना जगाने का पर्व नवरात्र

बलराम कुमार मणि त्रिपाठी

पितृपक्ष के सोलह दिन व्यतीत हुए। माता पिता और पूर्वजों को नमन कर उन्हे पुन; पितृलोक मे प्रतिष्ठित होने का अनुरोध कर अब हम देवताओ को नमन करेंगे।  अपने भीतर और समूचे ब्रह्मांड मे व्याप्त महाशक्ति का आह्वान करेंगे। जब जब धरती पर  विक्षोभ हुआ,आसुरी शक्तियों ने मृत्यु, भय और हिंसा का तांडव मचा कर सबका जीना हराम कर दिया.. तब तब धरती ने गौरूप धारण कर देवताओं से गुहार लगाई देवता त्रिदेवों से मिले। फिर सभी ने मिल कर महाविष्णु का स्मरण किया।

सबकी स्तुति से प्रसन्न होकर नारायण ने सबसे अपनी अपनी शक्तियां जाग्रत कर एकत्र कराने का आग्रह किया। सबकी समन्वित शक्तियां प्रकट होकर देवी रूप धारण किया। जिसे मां दुर्गा कहा गया।  समस्त दैवी -देवताओं की शक्तियों के नाम क्रमश: थे… शैलपुत्री,ब्रह्मचारिणी,चंद्रघंटा,कूष्मांडा,स्कंद माता, कात्यायनी, कलरात्रि, महागौरी,सिद्धिदात्री… उन सभी का समन्वित रूप मां दुर्गा कहलाया। देवी का अमूर्त रूप मूर्तिमान हुआ।

फिर सभी देवी और देवताओं ने उन्हें अपने दिव्यास्त्र प्रदान किए। देवी पार्वती ने अपना वाहन सिंह दिया। मंद मंद मुस्कराते देवी के सुंदर प्रकाशमय रूप पर किसी की निगाहैं नहीं ठहरती थीं। फिर सबने देवी की स्तुति की और प्रार्थना की यह प्रकृति शांत हो,इसका विक्षोभ दूर हो। फिर से सामान्य जन जीवन हो। लोग अपने अपने धर्मो का पालन कर सकें। हे दैवी!आप वैसा ही यत्न करो। फिर मां दुर्गा ने आसुरी शक्तियो को शांत किया। पर सभी देवी देवता हमारे भीतर विराजमान है। जिन्हें तप कर हमे जगाना है। फिर अपना जीवन स्वस्थ बनाते हुए रचनात्मक कार्यो  में लग जाना है।  बाहरी प्रकृति से ही हमारी आंतरिक प्रकृति बनी है।आंतरिक शक्तियां जगेंगी तो  बाह्य प्रकृति अनुकूल बनेगी। दोनों एक दूसरे की पूरक हैं।  यह चक्रीय क्रम हर जगह बना है। अक्षर रूप मे इन्हे ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे कहते हैं।

Religion

जीवन में आ रही हो समस्या तो उसे दूर करने के लिए अपनाएं ये छोटा सा उपाय

कार्य में असफलता दूर करना हो या फिर हटाना हो नजर दोष तो अपनाएं ये कार्य काले तिल के इस तरह उपयोग से धन की समस्या हो जाएगी दूर और हट जाएगा दुख ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ‘शास्त्री जी’ लखनऊ। कार्यों में आ रही परेशानियों और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए ज्योतिष शास्त्र की […]

Read More
Religion

बस्तर का एकमात्र दक्षिणमुखी शिवलिंग दंतेवाड़ा की मावली गुड़ी में

करीब एक हजार साल पुराना है यह शिवलिंग बस्तर में छिंदक नागवंशी राजाओं का वर्चस्व रहा है और यह शिव उपासक थे, इसलिए पूरे बस्तर में शिव परिवार की प्रतिमाएं सर्वाधिक हैं किंतु दक्षिणमुखी शिवलिंग सिर्फ एक है। यह शिवलिंग दंतेवाड़ा में मावली माता मंदिर परिसर में है। यह करीब एक हज़ार साल पुराना तथा […]

Read More
Religion

चलने-फिरने में अक्षम युवती दर्शन को पहुंची

अयोध्या। 8मई। चलने-फिरने में पूरी तरह असमर्थ युवती ने सुविधापूर्वक श्री राम लला का दर्शन किया। साथ ही दिव्यांगजनों के लिए मंदिर परिसर में की गई व्यवस्था की सराहना की। 26 वर्षीय भावना चलना-फिरना तो दूर उठकर खड़ी भी नहीं हो सकती। अलबत्ता, समझने, बोलने में कोई दिक्कत नहीं है। वे अपने मां बाप के […]

Read More