जम्मू-कश्मीर सरकार आतंकवादियों , उनके समर्थकों की संपत्ति करेगी जब्त

जम्मू। जम्मू-कश्मीर सरकार ने आतंकवाद पर नकेल कसने के लिए पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर कश्मीर घाटी और पाकिस्तान तथा कब्जे वाले कश्मीर में छिपे चार हजार से अधिक आतंकवादियों और उनके समर्थकों की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर ली है। सूत्रों ने शुक्रवार को यहां कहा, कि प्रशासन ने पुलिस और सुरक्षा बलों के साथ मिलकर आतंकवादी नेटवर्क को खत्म करने के लिए संयुक्त रूप से रणनीति बनाई है। उन्होंने खुलासा किया कि योजनाबद्ध रणनीतियों के तहत जल्द ही 4200 आतंकवादियों और उनके सहयोगियों की संपत्तियों को जब्त किया जाएगा।

सूत्रों ने कहा, कि यह तय है कि आतंकवादियों को मदद पहुंचाने वाले ओवर ग्राउंड वर्करों (OGW) और उनकी मदद करने वाले रिश्तेदारों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। उन्होंने बताया कि करीब 4200 ऐसे लोगों की सूची तैयार है और इस पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, कि न केवल आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं बल्कि समर्थक उनके लिए ठिकाने, हथियार और अन्य रसद सहायता की भी व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को जमीन पर कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश दिए गए हैं।

उल्लेखनीय है कि इसी के तहत पिछले एक महीने में जम्मू-कश्मीर के डोडा और किश्तवाड़ जिलों में करीब 24 से अधिक आतंकवादियों की संपत्ति जब्त की गई है। सूत्रों ने कहा , कि प्रशासन विभिन्न सरकारी विभागों में सक्रिय आतंकवादियों के छिपे हुए नेटवर्क को भी तोड़ रहा है, जो कि सीमा पार अपने आकाओं को महत्वपूर्ण जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने ऊपर से नीचे तक सभी पुलिस अधिकारियों को ऐसे सभी तत्व जो कि राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं , की पहचान करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा, कि सरकार उनकी संपत्ति का विवरण और उनकी वर्तमान स्थिति का पता लगा रही है। किउन्होंने कहा कि उनके खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि वर्षों से लापता या भागे हुए आतंकवादियों की सूची तैयार करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। सूत्रों ने बताया कि पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई में प्रशासन के प्रति जवाबदेह होना होगा।

उन्होंने कहा, कि शुरुआत में लापता आतंकवादियों और पाकिस्तान  के कब्जे वाले कश्मीर से संचालित होने वाले लोगों और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले दुनिया के कुछ हिस्सों में बसे अन्य लोगों की संपत्तियों को जब्त किया जा रहा है। कि उन्होंने कहा, कि आतंकवादी गतिविधियों को फिर चलाने के लिए आकाओं द्वारा आतंकवादियों की वित्तीय मदद की जा रही हैं, वे जम्मू-कश्मीर में विभिन्न माध्यमों से हथियार और नशीले पदार्थों की आपूर्ति कर रहे हैं और उनके समर्थक अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्थानीय युवाओं को कट्टरपंथी बनाने का प्रयास कर रहे हैं। कि

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), राज्य जांच एजेंसी (SIA) और जिला-स्तरीय विशेष जांच इकाइयों (SIU) ने आतंकवादियों पर दबाव बनाने की रणनीति तेज कर दी है और स्थानीय नेटवर्क पर कार्रवाई शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि कई फरार और लापता आतंकवादियों ने अपने रिश्तेदारों के नाम पर अचल संपत्ति और संपत्तियों में पैसा निवेश किया है, ऐसी सभी संपत्तियों को भी जब्त किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विशेष रूप से, जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा पहले ही साफ कर चुके हैं। कि आतंकवादियों से निपटने में कोई भी ढुलमुल रवैया नहीं अपनाया जाएगा। उप राज्यपाल कह चुके हमारा लक्ष्य आतंक के पारिस्थितिकी तंत्र को पूरी तरह से नष्ट करना है। (वार्ता)

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