डॉ दिलीप अग्निहोत्री
योगी आदित्यनाथ के विचार और कार्य उन्हें विशिष्ट बनाते हैं। सन्यास और समाजसेवा का विलक्षण समन्वयक परिलक्षित होता है। पर्वों पर उनके बधाई संदेश औपचारिकता के निर्वाह तक सीमित नहीं रहते। उनमें विरासत और परम्परा के प्रति गर्व होता है। वर्तमान पीढ़ी के लिए एक संदेश होता है। नाग पंचमी पर उनका प्रदेश की जनता के लिए बधाई संदेश इसका प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में जीव-जन्तु, वृक्ष वनस्पति सभी के साथ आत्मीय सम्बन्ध जोड़ने की समृद्ध एवं प्राचीन परम्परा है। नाग पंचमी का पर्व प्रकृति के साथ हमारे इस जुड़ाव का प्रतीक है। हमारे धर्मशास्त्रों में नाग जागृत कुण्डलिनी शक्ति का प्रतीक है। सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु शेषनाग पर ही शयन करते हैं।
शेषनाग छत्र बनकर उन्हें छाया प्रदान करते हैं। ज्ञान और मोक्ष के प्रदाता भगवान शिव के आभूषण ही सर्प एवं नाग हैं। सावन में भगवान शिव के पूजन का विशेष महत्व है। श्रावण मास में नाग पंचमी भगवान शिव संग नागों की पूजा के लिए प्रसिद्ध है। शक्ति के प्रतीक नाग पंचमी के पर्व पर हमारे समाज में पारम्परिक रूप से कुश्ती आदि खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें जनता उत्साह के साथ प्रतिभाग करती है।