“राजमिस्त्री” को सहायक अभियंता बनाने की तैयारी!

  • करोड़ो का बजट फिर भी कोई अभियंता नहीं
  • कारागार विभाग के आला अफसरों का कारनामा

आरके यादव


लखनऊ। प्रदेश के कारागार विभाग मुख्यालय कार्यप्रणाली भी अजब गजब की है। विभाग राजमिस्त्री को सहायक अभियंता बनाने की तैयारी है। मुख्यालय में निर्माण विभाग है। इस विभाग से प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये का कार्य होता है।  विभाग में पदों को सृजन जरूर किया गया है लेकिन पदों पर कोई तैनात नहीं किया है। दिलचस्प बात यह है कि विभाग के आला अफसर ही नहीं चाहते कि इस विभाग में अधिकारियों की तैनाती नहीं हो। इस विभाग में प्रतिवर्ष लाखों का गोलमाल किया जा रहा है।

वर्तमान समय में प्रदेश के कई जनपदों में नई जेलों का निर्माण कराया जा रहा है। इसके साथ ही जेलों में नई बैरकों के निर्माण के साथ ही साथ जेलों में होने वाली टूट-फूट की रिपयेरिंग का काम भी बड़े पैमाने पर कराया जाता है। इन कार्यों के लिए शासन की ओर से प्रतिवर्ष करीब 300 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किय जाता है। सूत्रों का कहना है कि निर्माण के लिए आवंटित होने वाली धनराशि से होने वाले कार्यों की स्वीकृत करने का अधिकारी महानिदेशक कारागार ( प्रमुख सचिव ) के पास होता है। निर्माण कार्य की वित्तीय स्वीकृत होने के बाद कार्यों का आवंटन जेल मुख्यालय की ओर से कार्यदायी संस्थाओं को किया जाता है। विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं को कार्य (वर्क आर्डर )मिलने के बाद इसके निगरानी और निरीक्षण की जिम्मेदारी जेल मुख्यालय में बने निमार्ण विभाग इकाई की होती है।

मिली जानकारी के मुताबिक जेल मुख्यालय में निर्माण विभाग की इकाई में एक अधिशाषी अभियंता, एक सहायक अभियंता, तीन अवर अभियंता, एक संगणक और दो ड्राफ्ट मैन के पद सृजित है। सूत्रों का कहना है कि वर्तमान समय में यह सभी पद खाली पड़े हुए हैं। वर्तमान समय में निर्माण इकाई द्वारा कराए जा रहे कार्यों की कमान तीन प्रशिक्षक निर्माण कार्मिकों हाथों में है। बताया गया है कि राजधानी की आदर्श कारागार के प्रशिक्षक निर्माण कार्मिक (राजमिस्त्री) दिनेश त्रिपाठी को अवर अभियंता के पद पर कार्य करने के लिए जेल की ओर से प्रतिनियुक्ति पर जेल मुख्यालय के निर्माण इकाई भेजा गया। वर्तमान समय में नई जेलों के निर्माण से लेकर मरम्मत तक का कार्य अपने दो अन्य अनुदेशकों की मदद से वहीं देख रहे है।

विभागीय जानकारों का कहना है कि जेल मुख्यालय इन दिनों साठ गांठ करने मुख्यालय में निर्माण का कार्य देख रहे राजमिस्त्री (प्रभारी अवर अभियंता) दिनेश कुमार त्रिपाठी को सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नति करने की जुगत में लगे हुए है। शासन से साठ गांठ करके इस राजमिस्त्री को  सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नति करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसका आदेश कभी भी जारी हो सकता है।

प्रोन्नत देने का अधिकार शासन को_DIG

प्रदेश के जेल मुख्यालय के निर्माण विभाग में अभियंताओं की तैनाती के संबंध में जब उपमहानिरीक्षक जेल मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह से बातचीत की गई तो उन्होंने निर्माण विभाग में अधिशाषी अभियंता समेत अन्य समस्त खाली पड़े पदों की पुष्टि करते हुए बताया कि वर्तमान समय में निर्माण कार्य के लिए तीन अनुदेशक लगाए गए हैं। सिंह ने बताया कि पूर्व में निर्माण में एक सहायक अभियंता तैनात थे उनके सेवानिवृत हो जाने के बाद से यह पद भी खाली पड़ा है। राजमिस्त्री को सहायक अभियंता पद पर प्रोन्नत किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह शासन का मामला है। शासन को इस पर निर्णय लेना है।

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