योगी का योग संदेश

डॉ दिलीप अग्निहोत्री


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जीवन शैली में योग शामिल है। इस मार्ग पर चलते हुए उन्होंने कर्मयोग को भी सिद्द किया है।कुछ वर्ष पहले लखनऊ राजभवन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन किया गया था। उसमें स्वामी राम देव के निर्देशन में लोग योगाभ्यास कर रहे थे। राम देव भी योगी आदित्यनाथ के योग से प्रभावित थे। उन्होंने मंच से योगी आदित्यनाथ के योगासनों की सराहना की थी।इस बार योगी आदित्यनाथ श्रीगोरखनाथ मन्दिर परिसर, गोरखपुर में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में सहभागी हुए।यहां उनका संबोधन योग परम्परा के अनुरूप था। उन्होंने कहा  कि योग भारत के द्वारा विश्व को दिया हुआ अद्वितीय उपहार है-

 ’शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम्

अर्थात शरीर ही सारे कर्तव्यों को पूरा करने का एक मात्र साधन है। अतः शरीर का स्वस्थ रहना अति आवश्यक है। स्वस्थ शरीर योग से ही प्राप्त हो सकता है। एक स्वस्थ मस्तिष्क एक स्वस्थ शरीर में ही सम्भव है, जो योग साधना से प्राप्त किया जा सकता है।योग की इस ऋषि परम्परा पर गर्व की अनुभूति होनी चाहिए। भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं हुआ। यहां जो कुछ भी है वह व्यावहारिक है, पहले से प्रमाणित है। योग भी उसी परम्परा का हिस्सा है। यह परम्परा आज पूरी दुनिया को आकर्षित कर रही है। नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार कर आज दुनिया के लगभग 200 देश अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परम्परा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।

योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने का मार्ग होता है, जो चेतना के विस्तृत आयाम को आगे बढ़ाता है। चेतना के बहुत छोटे से भाग का हम उपयोग कर पाते हैं, लेकिन इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है। उस चेतना के विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करने का माध्यम है योग। जबकि एक सामान्य गृहस्थ या सामान्य नागरिक के लिए योग शारीरिक और मानसिक आरोग्यता प्राप्त करने का माध्यम है। योग परम्परा में हम सामान्यतः अष्टांग योग को महत्व देते हैं। इसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि अलग-अलग क्रियाएं हैं। देश काल, परिस्थिति, खान-पान या अन्य कारणों से व्यक्ति में कोई शारीरिक विकार आ गया है तो यह क्रियाएं शारीरिक शुद्धि का माध्यम बनती हैं। योग वात, कफ, पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है। प्राणायाम नाड़ियों की शुद्धि का माध्यम बनता है। आगे की क्रियाएं मन से जुड़ी हुई क्रियाएं होती हैं। मन की विचित्र स्थिति होती है। ‘मन एव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः’ अर्थात व्यक्ति के बंधन और मोक्ष दोनों का कारण मन होता है। एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मन आवश्यक है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि चंचल मन व्यक्ति को चलायमान करता है। मन को एकाग्र न कर पाने के कारण भी बहुत से लोग प्रतिभा होने के बावजूद जीवन में सफलता को प्राप्त नहीं कर पाते। इसलिए मन की चंचल वृत्ति को नियंत्रित करने का माध्यम योगासन है। उन्होंने कहा कि यद्यपि मन को नियंत्रित करना अत्यन्त दुरुह कार्य है लेकिन व्यक्ति के जीने के लिए प्राणायाम से यह सम्भव है। नाथ पंथ की परम्परा में जिसे अजपा जप कहते हैं, श्वांस पर ध्यान केन्द्रित कर मन को साधा जा सकता है। प्राणायाम के माध्यम से मन को नियंत्रित कर लिया गया तो योग के अन्य उच्चतर सोपान को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हो सकती है। जीवन में तनाव, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बीमारियां तीव्रगति से बढ़ रही हैं। इन सभी का पूर्ण रूप से समाधान योग से ही सम्भव है। लोगों में बढ़ रहा क्रोध, हिंसा की भावना आदि को भी योग की विभिन्न क्रियाओं के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। योग का नियमित अभ्यास आपको आरोग्यता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है।

भारतीय आयुष पद्धति हमारी ऋषि परम्परा की तरफ से सम्पूर्ण आरोग्यता की लक्ष्य प्राप्ति हेतु मानवता के कल्याण का प्रशस्त पथ है, जिसकी ओर पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। हम सभी सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, भुजंगासन को आसानी से अपना सकते हैं। बस ध्यान यह देना है कि यदि एक आसन झुकने वाला आपने किया है, तो उसके विपरीत आसन को भी समन्वय के साथ जोड़ना होगा। राजभवन में परंपरागत रूप में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस बार इसका शुभारम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उप राष्ट्रपति के वर्चुअल संदेश से हुआ। इस संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि कर्म में कुशलता ही योग है। आजादी के अमृतकाल में ये मंत्र बहुत अहम है जब हम योग की सिद्धी तक पहुँच जाते हैं। योग के जरिए हमने कर्मयोग की यात्रा की है। मुझे विश्वास है कि योग से हम अपने स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे।  उनके इस संदेश में योग के सन्दर्भ में भारत के आह्वान पर 180 से ज्यादा देशों के एक साथ आने की ऐतिहासिक और अभूतपूर्व घटना की जानकारी मिली।

कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति,  जगदीप धनखड़ के उद्बोधन प्रसारण हुआ।  राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने कहा कि स्वस्थ जीवन के लिए योग को आत्मसात करना चाहिए। नियमित योग को जीवनचर्या में इस भांति शामिल करें की ये एक मस्तिष्क संचालित क्रिया की भांति आत्मसात हो जाये। वह  राजभवन में वसुधैव कुटुम्बकम् के लिए योग की थीम पर आधारित सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। उन्होंने शारीरिक योग के साथ-साथ कर्मयोग की प्रेरणा भी दी। कहा कि  जिस प्रकार योग हमें निरोग करता है, उसी प्रकार कार्यों का प्रतिबद्धता से निष्पादन मन को स्वस्थ करता है। उन्होंने योग को लेकर विश्व गुरु के रूप में भारत की स्थापित हुयी छवि का श्रेय प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व को दिया। उपमुख्यमंत्री  बृजेश पाठक ने कहा कि योग हमारी सनातन संस्कृति से जुड़ा है। इसके अन्तर्निहित महत्व को समझकर प्रधानमंत्री  की प्रेरणा से आज पूरे विश्व ने इसे स्वीकार कर लिया है। मुख्य सचिव,  दुर्गाशंकर मिश्र ने योग को भारत के ऋषि-मुनियों की देन बताते हुए स्वस्थ जीवन के लिए स्वयं अपनाने और जन-जन तक पहुँचाने को कहा। राजभवन के विविध सभागारों में सम्पन्न हुआ। प्रशिक्षित योगाचार्यों के कुशल नेतृत्व में विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, राजभवन के अध्यासितों और उनके परिजनों तथा स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों ने बड़ी संख्या में योगाभ्यास में प्रतिभाग किया।

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भारत के लिए गौरव का विषय है। भारत की यह विरासत पूरी दुनिया में प्रतिष्ठित हो रही है। यह राष्ट्रीय सहमति का विषय है। भाजपा इसी भावना से उत्साह के साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन करती है।  योग दिवस पर उत्तर प्रदेश भाजपा द्वारा  सभी शक्ति केन्द्रों पर योग दिवस के कार्यक्रम आयोजित किए। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी मुरादाबाद तथा प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह राजधानी लखनऊ में योग दिवस के कार्यक्रम सम्मिलित हुए। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को शक्ति केन्द्रों पर मनाते हुए पार्टी ने योग करके सर्वे सन्तु निरामया का विश्व को संदेश दिया।

भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कम्पनी बाग मुरादाबाद में योग दिवस कार्यक्रम में कहा कि योग  भारतीय संस्कृति की ऐतिहासिक धरोहर है।  यह पूरे दुनिया को दिया गया एक बहुमूल्य उपहार है, जिसे देश के यशस्वी प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने अपने अथक प्रयासों से पूरे विश्व में पहुंचाने का अद्वितीय एवं अकल्पनीय कार्य किया है। आज योग पूरे विश्व की जीवनशैली बन चुका है। आज पूरा विश्व योग कर रहा है। भारतीय परम्परा, संस्कृति एवं ज्ञान को विश्व स्वीकार भी कर रहा है। अंगीकार भी कर रहा है। नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में भारतीय संस्कृति, संस्कार, ज्ञान की विश्व स्वीकार्यता तथा पुनर्प्रतिष्ठा का युग प्रारम्भ हुआ है। प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने पार्टी के राज्य मुख्यालय पर योग दिवस कार्यक्रम में कहा कि भारत ने सदियों से योग को विज्ञान और जीवनशैली के रूप में अपनाया है। हमारे ऋषि-मुनियों ने वैदिक काल से ही योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाया। योग जीवन का वह दर्शन है जो मनुष्य को आत्मा से जोड़ता है। योग विश्व को भारत का वह वरदान है जो ना सिर्फ शरीर व मन को स्वस्थ करता है बल्कि सामाजिक दायित्वों के प्रति समर्पित नागरिकों का निर्माण भी करता है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पुरातन भारतीय ज्ञान के आलोक से विश्व आलोकित भी हो रहा है।

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