डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ। योगी सरकार के छह साल तीर्थाटन और पर्यटन की द्रष्टि से भी बेमिसाल हैं। अस्था को सम्मान दिया गया। तीर्थ स्थलों को विकास की मुख्यधारा में सम्मलित किया गया। इससे अर्थव्यवस्था के साथ ही परोक्ष अपरोक्ष रोजगार को भी बढ़ावा मिला। भव्य श्रीकाशी विश्वनाथ धाम इसका प्रमाण है। विंध्याचल सहित अनेक स्थलों पर कॉरिडोर निर्माण का कार्य चल रहा है। इस क्रम में नैमिषारण्य धाम को भी भव्य रूप में विकसित किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नैमिषारण्य-मिश्रिख में चक्रतीर्थ के प्रमुख प्रवेश द्वारों व अन्य द्वारों को कॉरीडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है। एंट्रेंस पैवेलियन, विजिटर फैसिलिटी सेंटर, आरती के लिए वेदियों का निर्माण, मिश्रिख में महादेव मंदिर और आश्रम परिसर में श्रद्धालु सुविधा विकास के कार्यों सहित तय परियोजनाओं के सभी कार्य पर्यटन विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में आगामी सितम्बर माह तक पूर्ण कराये जाएं।इसके अलावा माँ ललिता देवी मंदिर परिसर पर कॉरीडोर का निर्माण कराया जाएगा।
ललिता देवी मंदिर के भव्य प्रवेश द्वार और पंचमुखी प्लाजा का निर्माण तेजी से पूरा किया जाना चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अट्ठासी हजार ऋषियों की पावन तपोस्थली नैमिषारण्य के समग्र विकास के उद्देश्य से राज्य सरकार ने हाल ही में श्री नैमिषारण्य धाम तीर्थ विकास परिषद का गठन किया है। इस स्थली में हमारे ऋषि-मुनियों ने सनातन ज्ञान को लिपिबद्ध करने का अनुपम कार्य किया था। राज्य सरकार यहां धार्मिक पर्यटन विकास की सभी सम्भावनाओं को प्रोत्साहित कर रही है।सनातन आस्था को सम्मान और वैदिक ज्ञान को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नैमिषारण्य धाम में यथाशीघ्र वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना की जाएगी।
इस सम्बन्ध में बजटीय प्रावधान भी किया गया है। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र की स्थापना से वेदों, पुराणों में संरक्षित ज्ञान को आमजन के बीच ले जाने हेतु अध्ययन कार्य किया जा सकेगा। वेद विज्ञान अध्ययन केन्द्र में प्रशासनिक भवन, शैक्षणिक भवन, गुरुकुल,योगशाला, यज्ञशाला,मंदिर आदि का निर्माण होगा। खगोलशास्त्र के विद्यार्थियों के लिए यहां वेधशाला भी स्थापित होगी। नैमिषधाम में होटल व धर्मशालाएं खोले जाने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित किया जाएगा। निजी निवेशकों को भूमि उपलब्ध कराएं, CSR फण्ड का भी सदुपयोग किया जा सकता है।