जीवा के आतंक से जेल अफसर भी रहे दहशत में…

प्रशासनिक आधार पर बदली गई आधा दर्जन से अधिक बार जेल


आर के यादव


लखनऊ। राजधानी के लखनऊ न्यायालय में ढेर किए गए खुंखार अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा का प्रदेश की जेलों में भी कम आतंक नहीं था। इस आतंक की वजह से माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के करीबी शूटर संजीव माहेश्वरी को प्रशासनिक आधार पर करीब आधा दर्जन से अधिक जेलों में स्थानांतरित भी किया गया। लखनऊ जेल से पहले वह मैेनपुरी जेल में काफी समय तक बंद रहा। इसके बाद उसको लखनऊ जेल स्थानांतरित किया गया था। गृहजनपद की मुजफ्फनगर से अपराध की दुनिया में आने वाले इस खुंखार अपराधी का बुधवार को राजधानी के न्यायालय परिसर में अपराध के एक युग का अंत हो गया। दिलचस्प बात है कि जेलों की हाई सिक्योरिटी सेल में रहने वाले इस खुंखार अपराधी से अधिवक्ताओं के अलावा कोई मिलने तक नहीं आता था। इसके बावजुद जेल में उसक रसूख कम नहीं था।
मिली जानकारी के मुताबिक अपराध की दुनिया में कदम रखने के लिए पहली बार पुलिस ने गिरफ्तार कर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को मुजफ्फनगर जेल भेजा था। जीवा का गृह जनपद होने की वजह से जेल में मुलाकातियों की संख्या अधिक होने और जेल प्रशासन के अधिकारियों पर अनाधिकृत सुविधाएं लेने के लिए दबाव बनाया जाता था। आए दिन दबाव से आजिज आकर अधिकारियों ने इस खुंखार अपराधी को प्रशासनिक आधार पर सेंट्रल जेल फतेहगढ़ स्थानांतरित करा दिया। सूत्रों का कहना है कि फतेहगढ़ जेल पहुंचने के कुछ समय बाद ही उसने वहां के अधिकारियों पर भी दबाव बनाना शुरू कर दिया। इस दवाब को नहीं मानने पर कई अधिकारियों को जान से मारने तक की धमकी भी दी गई। कुछ समय फतेहगढ़ जेल में रहने के बाद अधिकारियों ने एक बार फिर इसका स्थानांतरण फतेहगढ़ सेंट्रल से बाराबंकी जेल में करा दिया गया। यह स्थानांतरण भी प्रशासनिक आधार पर ही कराया गया था।

प्रशासननिक आधार पर बाराबंकी जेल पहुंचे खुंखार अपराधी संजीव माहेश्वरी आतंक मचाना शुरू कर दिया। इसकी हरकतों से जेल प्रशासन काफी आजिज आ गया। आए दिन जेल अधिकारियों पर दबाव बनाकर मनमाफिक सुविधाएं लेने और सुविधाएं नहीं उपलब्ध कराने पर धमकी देता था। इससे आजिज आकर जेल प्रशासन के अधिकारियों ने डीएम से मिलकर इसको बाराबंकी से मैनपुरी जेल स्थानांतरित करा दिया। बताया गया है कि यह वर्ष-2013 में बाराबंकी जेल आया था और 2015 में इसका मैनपुरी जेल स्थानांतरित कर दिया गया। पश्चिम के इस खुंखार अपराधी को जेेल प्रशासन के अधिकारियों ने अधिकांश समय पश्चिम की जेलों के बजाए पूर्व की जेलों में ही रखा गया। संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवार को प्रदेश की मुजफ्फरनगर, फतेहगढ़, बाराबंकी, मैनपुरी समेत अन्य कई जेलों से प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरित किया गया था।

बुलेट प्रूफ जैकेट के लिए नहीं हुआ था कोई आदेश

पश्विम के खुंखार अपराधी संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के लखनऊ जेल में जेल प्रशासन के अधिकारियों ने हाई सिक्योरिटी सेल में रखा था। लखनऊ के न्यायालय परिसर में जीवा की मौत के बाद यह चर्चा आम नहीं कि वह हर बार पेशी पर बुलेट प्रुफ जैकट पनकर आता था। इस बार यह जैकेट उसने नहीं पहनी हुई थी। जेल प्रशासन के अधिकारियों के मुताबिक संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के लिए बुलेट प्रूफ जैकट का कोई आदेश ही नहीं था। वह हर बार पेशी पर सामान्य कपड़ो में ही जाता रहा है। यह अलग बात है कि जेेल के बाहर जाने के बाद वह भले ही बुलेट प्रुफ जैकेट पहन लेता हो। जेल में उसके लिए ऐसा कोई आदेश ही नहीं था। प्रदेश की जिस भी जेल में जीवा रहा वहां उसका आतंक रहता था। वह कई जेल अधिकारियों को धमकी भी दे चुका था। जीवा की मौत की खबर से जेल प्रशासन के अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

Raj Dharm UP

योगी की हनक से पस्त हुआ एक और माफिया का गढ़, इस बार स्क्रैप माफिया को चटाया धूल

लक्ष्मी सिंह ने जाते ही उसके अवैध साम्राज्य को बनाया निशाना नोएडा के स्क्रैप माफिया रवि काना की साइड स्टोरी, जानें कैसे बना वो स्क्रैप किंग नोएडा से नया लुक के प्रमुख संवाददाता विनय सिंह की रिपोर्ट वो सत्ता के साथ झंडा बदलने में माहिर है। शातिर इतना कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR […]

Read More
Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More