कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बंगाल के लोगों के प्रति मोदी-सरकार की ‘उदासीनता’ व सौतेला व्यवहार’ के विरोध में बुधवार को एस्प्लेनेड में स्थित बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के सामने अपना दो दिवसीय धरना व प्रदर्शन शुरू किया। TMC सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि केंद्र ने राज्य के लिए मनरेगा परियोजना और उसके आवास और सड़क विभागों की अन्य पहलों के लिए धन जारी नहीं किया। उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल का कुल बकाया एक लाख करोड़ रुपये से अधिक है। TMC सुप्रीमो ने आरोप लगाया कि केंद्र ने मनरेगा और इंदिरा आवास योजना (ग्रामीण) के लिए धन जारी करना बंद कर दिया है। साथ ही ओबीसी छात्रों की छात्रवृत्ति भी बंद कर दी है।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि मैं यह (धरना) बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य सरकार को बदनाम करने के इस ‘तानाशाही प्रयास’ के विरोध में और हमारे राज्य को उसके उचित बकाया से वंचित करने के लिए करती रहूंगी। मुख्यमंत्री के तौर पर यह तीसरी बार है जब सुश्री बनर्जी धरने पर बैठी हैं। इस बीच, सुश्री बनर्जी ने मंगलवार को हुगली जिले के सिंगूर में ‘पाठश्री-रास्ताश्री’ परियोजना का उद्घाटन किया। यह पश्चिम बंगाल सरकार की एक प्रमुख परियोजना है, जो राज्य के 22 जिलों में 12,000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण करके सड़क के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और गांवों से संपर्क बढ़ाने के लिए है।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि परियोजना के तहत, बंगाल 7,219 नई सड़कों को देखेगा और अन्य 1,548 के उन्नयन का गवाह बनेगा। इसके तहत सभी ग्राम पंचायतों के 29,475 से अधिक गांवों को कवर किया जाएगा। यह योजना रोजगार सृजन भी सुनिश्चित करती है। मां माटी मानुष का विकास हमारी प्राथमिकता है। इस बीच, सुश्री बनर्जी के भतीजे और TMC सांसद अभिषेक बनर्जी केंद्र की ‘जनविरोधी’ नीति और पश्चिम बंगाल सरकार के प्रति ‘सौतेला व्यवहार’ के खिलाफ बुधवार को एक रैली को संबोधित करेंगे। दूसरी ओर, TMC शासन में बंगाल में भ्रष्टाचार के विरोध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार भी बुधवार को धरने का नेतृत्व करेंगे। (वार्ता)