कभी घंटों तक घुटनों के पास बैठने वाली पुलिस अब दर्ज कर चुकी है FIR
एकाएक किसान यूनियन के नेता से बाबा बन गया था संतोष भदौरिया
नितिन गुप्ता
कानपुर। एक कहावत प्रचलित हैं- ‘चमत्कार को नमस्कार’। यानी अगर आपका करतब भा गया तो दुनिया आपको दंडवत् करेगी। लेकिन कानपुर के करौली बाबा उर्फ़ संतोष भदोरिया से जब चमत्कार नहीं हुआ तो नोएडा से उनके आश्रम पहुँचे डॉ. सिद्धार्थ चौधरी का नाक ही तोड़वा दिया। हालाँकि पिछले दो बरसों से चर्चा में आए चर्चित करामाती बाबाओं में उनका भी नाम शामिल हैं। अब चरणों में मत्था टेकने वाली पुलिस बाबा के ख़िलाफ़ प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है और चमत्कारी बाबा ख़ुद पर आई साँसत के ख़िलाफ़ चमत्कार नहीं कर पा रहे हैं। चर्चा है कि कानपुर में किसान यूनियन की नेतागिरी करने वाला संतोष आख़िर चंद बरसों में कैसे इतना बड़ा चमत्कारी बाबा बन गया।
कानपुर के बिधनू स्थित लवकुश आश्रम के करौली सरकार बाबा उर्फ डॉ. संतोष सिंह भदौरिया एक बार फिर विवादों में फंस गए हैं। इस बार उन पर नोएडा के डॉक्टर ने अपने साथ मारपीट करने का विरोध करने पर बुरी तरह मारपीट करने का आरोप लगाया है। अपने चमत्कार के बूते लोगों के दुख दूर करने और उनका इलाज करने का दावा करने वाले करौली सरकार पर नोएडा निवासी ड़. सिद्धार्थ चौधरी ने केस दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि बाबा और उनके सेवादारों ने उनकी पिटाई की है।
पुलिस के मुताबिक़ कानपुर के बिधनू थाना के करौली गांव में संतोष सिंह भदौरिया का आश्रम है, जिसे करौली सरकार के नाम से भी जाना जाता है।उनके आश्रम में देश-विदेश से भक्त आते हैं और उनकी मनोकामना भी पूर्ण होती है। कहा जाता है कि करौली सरकार के इस आश्रम में चमत्कार के माध्यम से लोगों के इलाज करने का दावा किया जाता है।उनकी यही कहानी सोशल मीडिया पर पढ़-सुनकर उनके आश्रम पहुँचे सिद्धार्थ चौधरी अपनी नाक तुड़वा बैठे। पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के पास पहुंचे डॉ. चौधरी के मुताबिक 22 फरवरी को वह अपने पिता डॉ. वीएस चौधरी, मां रेनू चौधरी और पत्नी प्रियंका के साथ बिधनू आश्रम पहुंचे थे। डॉ. चौधरी ने बताया कि उनके यहां भी कुछ पारिवारिक समस्याएं चल रही हैं, जिनसे निजात पाने के लालच में वे परिवार समेत बिधनू आश्रम पहुंच गए। जब वो बाबा के सामने पहुंचे तो उन्होंने अपनी परेशानी दूर करने को कहा। इस पर बाबा ने कुछ मंत्र फूंकते हुए पूछा कि तुम्हें इसका असर समझ में आया तो सिद्धार्थ ने मना कर दिया। उसके बाद बाबा ने दो-चार बार और मंत्र फूंका, लेकिन सिद्धार्थ ने कोई असर नहीं होने की बात कही। यह सुनते ही बाबा भड़क गये और उन्होंने उनको डांट कर अपने बाउंसरों को बुला दिया और बाहर निकाल दिया।आदेश मिलते ही बाउंसर सिद्धार्थ को एक कमरे में ले गए। बक़ौल सिद्धार्थ, वहां उनकी लोहे की रॉड और हथियारों से मारा-पीटा गया। इस हमले में उनके सिर में गंभीर चोटें भी आई हैं।
दुकान बंद होती देख भड़क गए बाबा
डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने हजारों लोगों के सामने बाबा को फर्जी साबित किया। इसी से नाराज होकर बाबा ने उन्हें पगलैट कहते हुए वहां से भगाने लगे। जब मैं नहीं भागा तो उन्हें अपने सेवादारों से मुझे पिटवाया। बाबा का मकसद इस मारपीट के जरिये लोगों में अपना खौफ बैठाना था। पुलिस कमिश्नर ने बिधनू पुलिस को डॉक्टर की शिकायत पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है। इसके बाद बिधनू पुलिस ने डॉ. संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली सरकार बाबा और उसके सेवादारों के खिलाफ मारपीट व गंभीर रूप से घायल करने का मुकदमा दर्ज कर लिया है।
क्या है बाऊंसरों की ज़रूरत
सवाल उठता है कि करामाती बाबा को बाउंसरों को ज़रूरत क्यों पड़ती थी? ऐसा तो है नहीं कि पहले दिन वो आए और उन्होंने डॉ. सिद्धार्थ के साथ मारपीट और बदतमीज़ी की। आख़िर एक बाबा जो अपने चमत्कार से लोगों को ठीक कर सकता है तो उसे बाउंसरों के सुरक्षा की क्यों दरकार थी।
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