
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र
हर दिन कुछ खास लेकर आता है। इस दिन क्या पर्व है और क्या तिथि है, इस बारे में जान लेने से हमें कई फायदे होते हैं। एक दिन के अंदर एक बार राहुकाल आता है, जो हमें कहता है कि इस समय आपको थोड़ी सावधानी बरतनी है। साथ ही पंचाग हमें ये भी बताता है कि आज किस दिशा की ओर दिशाशूल है। यदि हमें मजबूरन यात्रा भी करनी है, तो वह उसका निदान भी बताता है। इसलिए नया लुक आपको नित्य पंचाग देता है, देखिए और लाभ लीजिए।
दिनांक – 19 मार्च 2023
दिन – रविवार
विक्रम संवत – 2079
शक संवत – 1944
अयन – उत्तरायण
ऋतु – वसंत ॠतु
मास – चैत्र ( गुजरात एवं महाराष्ट्र के अनुसार फाल्गुन)
पक्ष – कृष्ण
तिथि – द्वादशी सुबह 08:07 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
नक्षत्र – धनिष्ठा रात्रि 10:04 तक तत्पश्चात शतभिषा
योग – सिद्ध रात्रि 08:07 तत्पश्चात साध्य
राहुकाल – शाम 05:19 से शाम 06:49 तक
सूर्योदय- 06:45
सूर्यास्त – 18:48
दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
विशेष : हिन्दू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत हर मास की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है। बता दें कि रविवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि रवि प्रदोष व्रत (Ravi Pradosh fast) के दिन भगवान शिव (Lord Shiva) की उपासना करने से साधक को धन-समृद्धि की प्राप्ति होती है और उसकी सभी पीड़ाएं दूर हो जाती हैं। आज के दिन महादेव की पूजा के साथ-साथ सूर्य देव की पूजा का भी विशेष महत्व है।