सावधान! बढ़ सकती है बिजली परेशानी, कल से देश भर के 27 लाख कर्मचारी करेंगे हड़ताल

  • ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को लागू कराने हेतु बिजली कर्मियों ने प्रांतव्यापी कार्य बहिष्कार शुरू किया
  • 16 मार्च को देश-भर में उप्र के बिजली कर्मियों के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किए जायेंगे
  • 16 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस, अपराह्न तीन बजे हाईडिल फील्ड हॉस्टल लखनऊ

लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर प्रदेश के सभी ऊर्जा निगमों के बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों, अभियन्ताओं और निविदा/संविदा कर्मियों ने आज प्रातः 10 बजे से कार्य बहिष्कार प्रारम्भ कर दिया है। कार्य बहिष्कार आन्दोलन में लगभग एक लाख बिजली कर्मी सम्मिलित हैं। बिजली कर्मचारियों एवं अभियन्ताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रीसिटी इम्प्लॉईज एण्ड इंजीनियर्स (NCCOEEE) ने उप्र के बिजली कर्मियों के आन्दोलन के समर्थन में राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। NCCOEEE के आह्वान पर 16 मार्च को देश के सभी प्रान्तों के सभी जनपदों एवं परियोजनाओं पर लगभग 27 लाख बिजली कर्मी सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेगें। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने आज यहां बताया कि नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय संयोजक प्रशांत चौधरी, ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल पी. रत्नाकर राव, सीटू के सुभाष लांबा और कई अन्य राष्ट्रीय नेता 16 मार्च को सुबह लखनऊ पहुंच रहे हैं।

लखनऊ में नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी के राष्ट्रीय नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगें और बिजली कर्मचारियों की सभा को सम्बोधित करेगें। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घण्टे की सांकेतिक हड़ताल होगी। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबन्धन की हठवादिता के चलते बिजली कर्मियों पर हड़ताल थोपी जा रही है। उन्होंने कहा कि तीन दिसम्बर 2022 को हुए समझौते में ऊर्जा मंत्री की ओर से 15 दिन का समय मांगा गया था अब 112 दिन व्यतीत हो गये हैं और समझौते के प्रमुख बिन्दुओं के क्रियान्वयन की दिशा में कुछ भी कदम नहीं उठाया जा रहा है एवं ओबरा, अनपरा की 800-800 मेगा वाट की नई इकाईयां को उत्पादन निगम से छीन कर एन.टी.पी.सी. को दिए जाने, पारेषण के निजीकरण को रोकने व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान किये जाने के उल्टे शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन कर रहे बिजली कर्मियों को पुलिस उत्पीड़न की धमकी दी जा रही है। शीतलाष्टमी के पर्व को देखते हुए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने लखनऊ में 15 मार्च को बिजली आपूर्ति सुचारू रूप से चलती रहे, इस दृष्टि से लखनऊ में 15 मार्च को कार्य बहिष्कार न करने का निर्णय लिया है और तद्नुसार लखनऊ के बिजली कर्मियों को निर्देश दे दिए गए हैं।

संघर्ष समिति के पदाधिकारियों राजीव सिंह, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, जय प्रकाश, जी.वी. पटेल, गिरीश पाण्डेय, सदरूद्दीन राना, राजेन्द्र घिल्डियाल, सुहेल आबिद, महेन्द्र राय, चन्द्रभूषण उपाध्याय, शशिकान्त श्रीवास्तव, विनय कुमार, पी के दीक्षित, मो. वसीम, छोटेलाल दीक्षित, योगेन्द्र कुमार, राम चरण सिंह, ए.के. श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, माया शंकर तिवारी, विशम्भर सिंह, राम सहारे वर्मा, शम्भू रत्न दीक्षित, पी.एस. बाजपेई, जी.पी. सिंह, रफीक अहमद, मो. इलियास, आर.के. सिंह, देवेन्द्र पाण्डेय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति पूरा सम्मान व निष्ठा व्यक्त करते हुए समझौते को लागू कराने हेतु प्रभावी हस्तक्षेप करने की पुनः अपील की है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों का उ्देश्य हड़ताल कदापि नहीं है, हड़ताल उन पर थोपी जा रही है। यदि समझौते का क्रियान्वयन व अन्य न्यायोचित मांगों के सार्थक समाधान हो जाए तो बिजली कर्मी पूरी निष्ठा से दिन-रात कार्य कर उप्र को बिजली आपूर्ति के मामले में शीर्ष दर्जा दिलाने में सक्षम हैं।

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