लखनऊ। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन देश के ऐसे दूरस्थ और दुर्गम स्थानों पर स्वयं से चिकित्सक भेज कर सराहनीय कार्य कर रहा है। स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्र सेवा का NMO का मंत्र इन्हीं जनजातीय इलाक़ों में जाने से फलीभूत होता हैं। देश में चिकित्सकों के अनेक संगठन हैं, जो प्रायः चिकित्सकों के अधिकारों को लेकर सक्रिय रहते हैं। लेकिन यह अपने आप में अकेला संगठन है जो कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर के राज्य, भारत नेपाल सीमा के वनवासी क्षेत्रो तक हर जगह यह संगठन सजगता से काम कर रहा है। बृजेश पाठक KGMU के अटल बिहारी साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन NMO द्वारा आयोजित गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा में भाग लेने आये प्रतिभागियों को भारत नेपाल सीमा के लिए झंडी दिखा कर रवाना किया। प्रति वर्ष भारत नेपाल सीमा के थारू बाहुल्य जनजातीय क्षेत्रों में होने वाले इस स्वास्थ्य शिविर में इस वर्ष प्रदेश के पचास से अधिक संस्थानों से चिकित्सक एवं छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं।
इस वर्ष इस यात्रा में छह सीमावर्ती ज़िलों के लगभग पंद्रह सौ गांवों को केंद्रित करके तीन सौ स्थानों पर कैंप किया जा रहा है। समारोह को सामाजिक कल्याण मंत्री असीम अरुण ने भी संबोधित किया। उन्होने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में ऐसे और अधिक कैंपो की आवश्यकता है। समाज कल्याण विभाग भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों को बढ़ावा देता रहेगा उन्होंने स्वास्थ्य सेवा यात्रा में जा रहे चिकित्सकों एवं छात्रों को सेवा करने व सीखने का सुझाव दिया।