निवेश का ग्लोबल प्रयास

डॉ दिलीप अग्निहोत्री


अनेक मोर्चों पर बेहतर व्यवस्था के बाद ही किसी प्रदेश में निवेश का माहौल बनता है। कानून व्यवस्था की स्थिति का सुदृढ़ होना पहली शर्त होती है। इसके साथ ही सिंगल विंडों सिस्टम, इज ऑफ डूइंग बिजनेस और बिजली की पर्याप्त आपूर्ति, बेहतर कनेक्टिविटी,लैंड बैक की स्थापना आदि की आवश्यकता होती है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुशासन के अंतर्गत इन सभी तत्वों को समाहित किया। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए उद्योगपति उत्साहित है। योगी आदित्यनाथ ने निवेश के अनुरूप माहौल बनाने का प्रभावी कार्य किया है। इसके लिए अपेक्षित सभी मोर्चों पर अभूतपूर्व सुधार हुआ है। यहां इनवेस्टर्स समिट और प्रस्तावों के शिलान्यास से अनेक अध्याय कायम हुए।अब उत्तर प्रदेश ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के लिए तैयार हो रहा है। इस संबंध में योगी आदित्यनाथ की मुंबई यात्रा उल्लेखनीय रही। योगी आदित्यनाथ पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक ने दलाई थी। तब उन्होंने विश्वस व्यक्त किया था कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यूपी उत्तम प्रदेश बनेगा। उनका कथन साकार हो रहा है। यह सन्योग था कि इस बार मुंबई में योगी आदित्यनाथ की मुलाकात राम नाईक से भी हुई। योगी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट के संदर्भ में मुबई गए थे। उद्योगपतियों से उनकी सार्थक बैठक हुई। सभी ने उत्तर प्रदेश में निवेश के प्रति उत्साह दिखाया।

योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा सभा में कहा था कि पहले उत्तर प्रदेश का मतलब दंगे वाला, देश के विकास में बाधक बनने वाला प्रदेश के रूप में पहचान थी। लेकिन पिछले साढ़े पांच सालों में यूपी ने खुद को विकास के साथ जोड़ा है। बेहतरीन कानून व्यवस्था लागू करके देश को एक नया मॉडल दिया। यूपी इज ऑफ डूइंग बिजनेश में कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। राज्य बजट करीब साढ़े छह लाख करोड़ पहुंच गया है। छह लाख पंद्रह हजार करोड़ के बजट के बाद तैतीस हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश किया गया था। जिन राज्यों की आबादी कम है,वह घाटे का बजट पेश करते हैं। यूपी सरप्लस राजस्व वाला प्रदेश है। उत्तर प्रदेश देश की अर्थव्यवस्था का इंजन बन रहा है।आज यूपी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला प्रदेश है। एक ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमि वाला प्रदेश बनाने के लिए काम किया जा रहे है। पांच सालों में साढ़े चार लाख करोड़ से अधिक के निवेश आये हैं। अगले महीने ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है।

यूपी में डेढ़ लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है। पांच वर्ष पहले करीब अस्सी हजार करोड़ निवेश हुआ था। वर्तमान सरकार विकास का विजन लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। यूपी डेटा सेंटर का हब बन रहा है। पहली डिस्प्ले यूनिट चीन से यूपी में आई। योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विभिन्न सेक्टर में तमाम ऐसे कार्य शुरू होने जा रहे हैं जिनसे उत्तर प्रदेश की पहचान को नया आयाम मिलेगा। इसमें चिकित्सा, कानून व्यवस्था, पर्यटन, शिक्षा और इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट पर खासा फोकस किया गया है। योगी आदित्यनाथ के एजेंडे में प्रदेश की कानून व्यवस्था शुरू से ही प्रमुखता पर रही है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े पांच वर्षों में कानून का राज पूरी तरह से स्थापित हुआ है और अपराध की घटनाओं में काफी गिरावट दर्ज की गई है।

नये साल पर अपराध और अपराधियों पर लगाम लगाने के साथ प्रदेश में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस को अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस करने को लेकर ड्रोन की खरीदारी के लिए बजट जारी कर दिया है। प्रत्येक जिले को दो ड्रोन दिये जा रहे हैं। नये साल पर करीब दो हजार बॉडी वार्न कैमरे खरीदे जाएंगे, जिसकी अनुमति मिल चुकी है। नये साल पर प्रदेश के सभी थानों को पूरी तरह से सीसीटीवी से लैस कर दिया जाएगा। यूपीसीडा ने प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने व इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए पंद्रह हजार एकड़ से अधिक का लैंडबैंक तैयार कर लिया है। जिससे ग्लोबल समिट में आने वाली वैश्विक कंपनियों को यहां प्लांट और अपने प्रोजेक्ट लगाने में कोई असुविधा ना हो। यूपीसीडा ने लैंडबैंक से कनेक्टिविटी को बेहतर करने की दिशा में प्रयास शुरू कर दिए हैं।

यूपीसीडी ने अन्य लैंडबैंक के लिए स्पिनिंग मिल्स की बंद इकाइयों की भूमि, स्कूटर इंडिया लखनऊ की डेढ़ सौ एकड़, गाजियाबाद की पांच एकड़, हरदोई की ढाई सौ एकड़ एवं अन्य ग्राम समाज इत्यादि की भूमि लेने की कार्रवाई शुरू कर दी है। औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों के रहने के लिए डोरमेट्री तथा कम्युनिटी टॉयलेट्स का निर्माण युद्धस्तर पर किया जा रहा है। मुंबई में योगी आदित्यनाथ ने बैंकों व वित्तीय संस्थाओं से प्रदेश के विकास में सहभागी बनने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी ने देश को पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने का निर्णय लिया है। इस सम्बन्ध में अलग-अलग सेक्टर चिन्हित करते हुए प्रदेश सरकार द्वारा सभी सेक्टरों में कार्यवाही की जा रही है।

यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के सम्बन्ध में मुम्बई में विभिन्न बैंकों एवं वित्तीय संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारियों से योगी ने संवाद किया। उन्होने बैंक अधिकारियों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार न केवल आपके पूरे सिस्टम और पूंजी की सुरक्षा की गारण्टी लेगी, बल्कि हर प्रकार का सुरक्षित वातावरण भी प्रदेश में उपलब्ध कराने में अपना योगदान देगी। प्रदेश का पर्सेप्शन बदला है। प्रदेश का राजस्व बढ़ा है। आज उत्तर प्रदेश राजस्व सरप्लस स्टेट है। इस सदी की सबसे बड़ी महामारी का सामना और वित्तीय अनुशासन का पालन करते हुए उत्तर प्रदेश ने सबका ध्यान आकर्षित किया है। आज देश व दुनिया के उद्यमी और निवेशक प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं।

ऐसा पहली बार हुआ कि राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए प्रदेश सरकार की टीम देश से बाहर विश्व के अन्य देशों में गयी। प्रदेश के आठ अलग-अलग समूहों ने सोलह देशों में जाकर इक्कीस शहरों का भ्रमण किया। इस टीम को लगभग साढ़े सात लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए। कल ही एक बिलियन डॉलर का जापान से भी निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुआ है, जो प्रदेश में अपनी रुचि रख रहा है। करीब एक लाख एमएसएमई यूनिटों के साथ उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा आधार मौजूद है। इस सेक्टर को प्रमोट करने की एक जनपद, एक उत्पाद योजना संचालित है। यह देश की एक लोकप्रिय योजना है। इण्टरनेशनल एयरपोर्ट अगले साल तक क्रियाशील हो जाएंगे। दस एयरपोर्ट पर वर्तमान सरकार द्वारा कार्य किया जा रहा है। पांच एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गये हैं। इन एयरपोर्ट हेतु एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया के साथ एमओयू किया जा चुका है। अन्य पांच हवाई अड्डों को भी शीघ्र पूरा करने की कार्यवाही की जा रही है। प्रदेश के पांच शहरों का मेट्रो की सुविधा से जोड़ा गया है।

प्रदेश सरकार द्वारा सत्रह स्मार्ट सिटी का विकास किया जा रहा है। औद्योगिक विकास के लिए मेडिकल डिवाइस पार्क, अपैरल पार्क, फार्मा पार्क सहित अन्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं। एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बनाया जा रहा है। राज्य की पच्चीस सेक्टोरल नीतियां निवेशकों के सामने हैं। यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए वैश्विक निवेशकों से अब तक लगभग सात लाख बारह हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। प्रदेश सरकार ने तेजी के साथ इस पर कार्य प्रारम्भ किया है। उत्तर प्रदेश ने विगत पांच वर्षों में चार लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश को आसानी से जमीनी धरातल पर उतारने में सफलता प्राप्त की है। प्रदेश में चार लाख अड़सठ हजार करोड़ रुपये के एमओयू हुए थे, जिसमें से चार लाख करोड़ रुपये के एमओयू को धरातल पर उतार रहे हैं।

 

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