उमेश तिवारी
काठमांडू/नेपाल। चीन में शंघाई और बीजिंग जैसे शहर हैं, जो बड़ी-बड़ी इमारतों से भरे हैं। लेकिन चीन में कई ‘भुतहा शहर’ हैं, जहां बड़ी-बड़ी बिल्डिंग तो हैं, लेकिन उनमें कोई नहीं रहता है। ये शहर इतने खाली हैं कि जब आप यहां पहुंचेंगे तो आपको लगेगा कि जैसे ये किसी हॉलीवुड फिल्म में तबाही के बाद दिखाया जाने वाला इलाका है। चीन में लगभग 6.5 करोड़ खाली घरों वाले अपार्टमेंट बिल्डिंग हैं। ये खाली बिल्डिंग पिछले 30 साल में चीन की बढ़ी अर्थव्यवस्था की भी गवाही देती हैं।
चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर कहा जाता है। कि यह बाकी दुनिया की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ी है। लेकिन इसका साइड इफेक्ट चीन में जगह-जगह खाली शहर के रूप में दिखता है। चीन का प्रॉपर्टी मार्केट इसीलिए कठिन समय से गुजर रहा है। इतने खाली शहर होने के बावजूद गगनचुंबी इमारतें देश के कोने-कोने में हर रोज बन रही हैं। यहां पार्क और शॉपिंग मॉल की जगह भी है। लेकिन इन शहरों की खाली इमारतों में कुत्ते घूमा करते हैं। वहीं, सफाईकर्मी सुनसान सड़कों को साफ करते हैं, जिस पर कोई भी ट्राफिक नहीं है।
इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2020 तक 6.5 करोड़ खाली घर थे। फ्रांस के हर नागरिक के लिए इतने घर पर्याप्त हैं। लेकिन अभी भी इस बात की सही जानकारी नहीं है कि चीन में कितने ‘भुतहा शहर’ मौजूद हैं। इन इमारतों का निर्माण साल 1990 में शुरु हुआ, जब पुनर्विकास के नाम पर कई छोटे इलाकों में ग्रामीण कृषि भूमि पर कब्जा कर लिया गया। स्थानीय राजनेता इन इमारतों के जरिए कागजों पर अपनी बढ़ती अर्थव्यवस्था दिखाते थे, ताकि वह राजधानी बीजिंग के नेता बनने के लिए प्रमोशन पा सकें।
लोगों ने क्यों खरीदे घर
इन अपार्टमेंट को लोगों ने सिर्फ निवेश के लिहाज से खरीदा है जो इसमें रहना नहीं चाहते थे। इस कारण कीमतें बढ़ गईं, जिसने एक बड़ा प्रॉपर्टी बबल बनाया है। चीन में निवेश के नियम सख्त हैं, इस वजह से लोग अपनी बचत को अचल संपत्ति में निवेश करते हैं। लोग यहां प्रॉपर्टी अपने बच्चों, पोते-पोतियों या फिर रिटायरमेंट प्लान के लिए खरीदते हैं। इस हिसाब से इन भुतहा शहरों में बने हर घर का एक मालिक तो है, लेकिन कोई भी यहां रहता नहीं हैं और भविष्य में भी शायद ये खाली ही रहें। चीन की ये इमारतें कर्ज के पहाड़ से बनी है।