भारत के पहले साइबर प्रधानमंत्री थे :अटल बिहारी वाजपेयी

लखनऊ। चुनाव प्रचार में आज फ़ेसबुक-ट्विटर जैसे सोशल मीडिया का इस्तेमाल आम बात है। देश के दिग्गज राजनेताओं से लेकर आम कार्यकर्ता तक इंटरनेट पर इसका उपयोग करते हैं। लेकिन यह तथ्य कम लोगों को मालूम होगा कि आज से 23 साल पहले जब इंटरनेट अपने शुरूआती दौर में था तब देश के लोकप्रिय राजनेता अटल बिहारी वाजपेयी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने लखनऊ में अपने चुनाव प्रचार के लिए पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल किया था।

तत्कालीन प्रधानमंत्री वाजपेयी तब के संसदीय चुनाव में अकेले ऐसे उम्मीदवार थे जिनका प्रचार न केवल रीयल बल्कि इंटरनेट के वर्चुअल माध्यम से भी किया गया था। 27 जुलाई 1999 को उनके चुनाव प्रचार पर केंद्रित एक वेबसाईट वोट फ़ॉर अटल डॉट कॉम (VoteForAtal.Com) का उद्घाटन उप्र के भाजपा मुख्यालय पर भाजपा नेता फ़िल्म स्टार विनोद खन्ना ने किया था। संयोग से चुनाव प्रचार के लिए लखनऊ आए नरेन्द्र मोदी भी तब उप्र भाजपा कार्यालय पर मौजूद थे। करदाताओं के हितों व सरकार के राजस्व से संबंधित नीतिगत विषयों पर काम करने वाले लखनऊ के समाजसेवी व उद्यमी मनीष खेमका ने 23 साल पहले इस वेबसाईट की कल्पना और निर्माण किया था।

जिसे तब जबरदस्त मीडिया कवरेज और सराहना मिली थी। इनोवेटिव विचारों वाले खेमका ग्लोबल टैक्सपेयर्स ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन हैं। वे वर्तमान में जीएसटी काउंसिल की प्रदेश स्तरीय समिति के सदस्य व आईआईटी कानपुर के इंडस्ट्री एडवाइज़र भी हैं। साथ ही वे पीएचडी चेंबर ऑफ़ कॉमर्स व 150 से अधिक देशों में मौजूद पीआईओ चैंबर ऑफ़ कॉमर्स जैसी अनेक प्रतिष्ठित ग़ैर सरकारी संस्थाओं से जुड़े हैं। उत्तर प्रदेश में कौशल विकास की शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ उत्तर प्रदेश सरकार के एमओयू में खेमका की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। साथ ही उत्तर प्रदेश में निवेश हेतु इन्वेस्टर्स समिट, डिफेंस एक्सपो व प्रवासी भारतीय दिवस जैसे अनेक कार्यक्रम व कार्यों में भी उनका योगदान उल्लेखनीय है।

राजनीति में इन्फ़ॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के रचनात्मक उपयोग में अग्रणी रहे खेमका बताते हैं “जिस दिन इस वेबसाईट का उद्घाटन उप्र के भाजपा मुख्यालय पर प्रस्तावित था, संयोग से नरेंद्र मोदी भी उस वक़्त वहाँ मौजूद थे। उनके प्रशंसक के नाते मैने अटल जी के चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पत्रिका राष्ट्रधर्म के तत्कालीन संपादक वीरेश्वर द्विवेदी से मोदी से इस वेबसाईट का उद्घाटन करवाने का अनुरोध किया था। कार्यक्रमों के सफल मैनेजमेंट में माहिर मोदी ने अपने अनुभव के अनुरूप तब अच्छे मीडिया कवरेज के लिए किसी चर्चित चेहरे या प्रदेश के किसी बडे नेता से इसे क्लिक करवाने की सलाह दी।

फिर फ़िल्म स्टार विनोद खन्ना का नाम तय हुआ जो तुरंत ही वहाँ पहुँचे थे। मोदी जी की सलाह के मुताबिक़ अटल जी पर वेबसाईट लाँच की खबर समेत हम सब अगले दिन अख़बारों में छाए हुए थे। आज डिजिटल इंडिया की बात हो रही है लेकिन तब इंटरनेट का इस्तेमाल कम लोग करते थे। अटल जी की इस वेबसाईट को मेरी उम्मीद से भी ज़्यादा लोगों ने देखा और पसंद किया।” खेमका ने कहा “मोदी  के अनुभव और सटीक मार्गदर्शन से किसी मौजूदा प्रधानमंत्री की पहली वेबसाइट का यह लॉंच बेहद सफल साबित हुआ। मैं इसका माध्यम बना यह मेरे लिए गौरव का विषय है”

इस सराहना और समर्थन से उत्साहित हो कर तत्कालीन प्रदेश भाजपा अध्यक्ष व सिंचाई, उच्च शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री ओम प्रकाश सिंह के लिए भी शिकायतों के समाधान के एक पोर्टल (Complain Redressal Portal) की कल्पना और निर्माण खेमका ने किया था। जिसका उद्घाटन 7 नवंबर 2000 को ख़ुद सिंचाई मंत्री ने किया था। तब उप्र में किसी भी नेता की कोई वेबसाईट या इंटरनेट पर सक्रियता नहीं थी। इसके कारण देश की शीर्ष पत्र पत्रिकाओं ने ओम प्रकाश सिंह को  “उप्र के सर्वप्रथम साइबर नेता” की उपाधि से नवाज़ा था। ग़ौरतलब है कि खेमका ने इंडिया बुक ऑफ़ रिकार्ड से भी अटल और मोदी से संबंधित इस उपलब्धि को दर्ज करने का अनुरोध किया है।

Raj Dharm UP

योगी की हनक से पस्त हुआ एक और माफिया का गढ़, इस बार स्क्रैप माफिया को चटाया धूल

लक्ष्मी सिंह ने जाते ही उसके अवैध साम्राज्य को बनाया निशाना नोएडा के स्क्रैप माफिया रवि काना की साइड स्टोरी, जानें कैसे बना वो स्क्रैप किंग नोएडा से नया लुक के प्रमुख संवाददाता विनय सिंह की रिपोर्ट वो सत्ता के साथ झंडा बदलने में माहिर है। शातिर इतना कि पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र यानी NCR […]

Read More
Raj Dharm UP

सनसनी: पूर्व सांसद धनंजय सिंह के गनर की गोली मारकर हत्या, इलाके में हड़कंप, पुलिस फोर्स मौके पर

ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में बेखौफ बदमाशों का कहर थम नहीं रहा है। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाई थी कि असलहों से लैस बदमाशों ने जौनपुर जिले के पूर्व सांसद धनंजय सिंह के निजी गनर अनीस खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना सिकरारा क्षेत्र […]

Read More
Raj Dharm UP

सुविधा शुल्क के आगे आईजी जेल के आदेश का कोई मायने नहीं

कैदी स्थानांतरण में भी अफसरों ने की जमकर वसूली! बागपत जेल में कैदियों के स्थानांतरण से हुआ बड़ा खुलासा राकेश यादव लखनऊ । डीजी पुलिस/आईजी जेल का आदेश जेल अधिकारियों के लिए कोई मायने नहीं रखता है। यही वजह है कि कमाई की खातिर जेल अफसर मुखिया के आदेश को दरकिनार कैदियों को स्थानांतरित करने […]

Read More