10 साल पूर्व इस्लाम छोड़ कर हिंदू साधु बन गए थे महामुद्दीन,
राजस्थान/ धौलपुर । करीब 10 साल पहले मुस्लिम धर्म छोड़कर सनातन धर्म में शामिल हो जाने वाले एक साधु की निर्दयतापूर्वक हत्या कर दी गई है। राजस्थान के धौलपुर जिले में साधु महामुद्दीन खान की लाश उसी मंदिर के करीब चार टुकड़ों में अलग-अलग जगह प्लास्टिक के बोरों में बंद मिली है, जिसमें वह पुजारी के तौर पर रह रहे थे। कंचनपुरी थाना एरिया के टोंटरी गांव की इस घटना में महामुद्दीन की डेडबॉडी का सिर अब तक बरामद नहीं हुआ है। पुलिस ने डेडबॉडी के टुकड़ों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है और पार्वती नदी के किनारे खड़ी झाड़ियों में शव के सिर की तलाश कराई जा रही है।
खून से सने बोरे देखकर ग्रामीणों ने दी पुलिस को जानकारी
पार्वती नदी के किनारे बुधवार सुबह पहुंचे ग्रामीणों ने अलग-अलग जगह खून से लथपथ चार बोरे देखे। उन्होंने कंचनपुर थाना को जानकारी दी। पुलिस ने बोरों को खोलकर देखा तो एक ही डेडबॉडी के चार टुकड़े बरामद हुए, लेकिन इसमे सिर नहीं था। ग्रामीणों ने कपड़ों व अन्य चिह्नों से डेडबॉडी की पहचान 60 वर्षीय महामुद्दीन खान पुत्र शेर खान के तौर पर की, जो टोंटरी गांव में ही पार्वती नदी के करीब बने चामड़ माता के मंदिर में 10 साल से बतौर पुजारी रह रहे थे। ग्रामीणों के मुताबिक, महामुद्दीन खान मूल रूप से भीमगढ़ के रहने वाले थे, लेकिन 10 साल पहले उन्होंने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया था। इसके बाद से ही वह साधु की तरह मंदिर में रहकर पूजापाठ कर रहे थे।
तीन दिन से गायब थे महामुद्दीन
कंचनपुर थाना प्रभारी हेमराज शर्मा के मुताबिक, महामुद्दीन तीन दिन से लापता थे। आखिरी बार वह 17 दिसंबर को बाड़ी कस्बे से सामान खरीदकर लाते देखे गए थे। उनका भतीजा जाकिर 18 दिसंबर की सुबह चाय लेकर मंदिर पहुंचा था, लेकिन वह गायब मिले थे। इसके बाद मंगलवार को भी महामुद्दीन मंदिर में नहीं मिले थे। कुछ ग्रामीणों में महामुद्दीन और मंदिर में रहने वाले अन्य साधुओं के बीच चढ़ावे को लेकर विवाद की बात कही है, लेकिन कोई अन्य रंजिश सामने नहीं आई है।
पहाड़ी पर मिला एक कटर और खून सूचना मिलने पर धौलपुर के पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह भी मौके पर पहुंचे। आसपास के इलाके की छानबीन के दौरान पुलिस को पहाड़ी पर लोहा काटने वाला एक कटर और खून मिला है। माना जा रहा है कि इसी कटर से डेडबॉडी के यहां चार टुकड़े करने के बाद बोरों में बंद करके नदी की तरफ फेंका गया होगा। हत्या का सुराग जुटाने के लिए कंचनपुर थाना पुलिस ने फोरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया। FSL की टीम ने बोरों के मिलने की जगह, कटर मिलने की जगह और मंदिर के आसपास कुछ सबूत इकट्ठे किए हैं।
महामुद्दीन ने ही बनाया था माता का मंदिर
ग्रामीणों के मुताबिक, महामुद्दीन की 10 साल पहले अचानक चामड़ माता में बेहद आस्था हो गई थी। इसी कारण उन्होंने हिंदू धर्म ग्रहण कर लिया था और खुद ही चामड़ माता का मंदिर बनाकर बीहड़ में रहने लगे थे। इस मंदिर में वह खुद ही रोजाना पूजापाठ करते थे और यहां शुक्ल पक्ष की सप्तमी को जात भी लगती है, जिसमें भारी भीड़ जुटती है।