MCD Election Result : दिल्ली में आप ‘डबल इंजन’ सरकार बनाने की ओर, भाजपा ने नहीं हारी हिम्मत, कांग्रेस का फिर निराशाजनक प्रदर्शन

नया लुक ब्यूरो


गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी के खेमे में जश्न का माहौल है। ‌दिल्ली, पंजाब के बाद अब आम आदमी पार्टी का दिल्ली MCD पर भी कब्जा होने जा रहा है। यानी अब देश की राजधानी में आप की “डबल इंजन” की सरकार होने की ओर है। दिल्ली में विधानसभा और नगर निगम दोनों में आम आदमी पार्टी की सरकार चलेगी। वहीं दूसरी ओर एक बार फिर कांग्रेस का इस बार भी MCD चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन हुआ है। कांग्रेस का दफ्तर सुबह से ही सूना रहा। दफ्तर के गेट पर ताला लगा दिखा।राजधानी की जनता ने MCD में भी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भरोसा जताया । दिल्ली नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी जीत के करीब है। ऐसे में पार्टी नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं में उत्साह का महौल है। दिल्ली नगर निगम में पिछले 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। हालांकि दिल्ली MCD के 5 दिसंबर को जारी की गई एग्जिट पोल्स के मुताबिक आम आदमी पार्टी को कितनी सीटें मिलती हुई दिखाई नहीं दे रही है।

हालांकि अभी तक चुनाव नतीजों के रुझानों में आपकी MCD में सरकार बनना लगभग तय है। सुबह आठ बजे जैसे ही शुरुआती रुझान आए भाजपा और आप में कड़ी टक्कर देखने को मिली। शुरुआती दो घंटे में दोनों दलों की सीटों में 10 से 20 सीटों का अंतर रहा। कभी भाजपा आगे तो कभी आप आगे दिखी। लेकिन सुबह 10.30 बजे के बाद हालात बदले और आप ने भाजपा पर बढ़त बना ली। अब तक 196 सीटों के परिणाम आ गए हैं. इनमें से आम आदमी पार्टी को 106, बीजेपी को 84, कांग्रेस को 5 और अन्य को 1 सीटें मिल हैं। 54 सीटों पर काउंटिंग जारी है। MCD में बहुमत के लिए 126 सीटें चाहिए। नतीजे एग्जिट पोल के अपोजिट दिख रहे हैं। ज्यादातर सर्वे में आप को 150 से ज्यादा सीटें दी थीं।

MCD चुनाव नतीजों के बाद आम आदमी पार्टी खेमे में जश्न का माहौल–

एग्जिट पोल में आप की जीत के बाद बुधवार सुबह से ही पार्टी के कार्यालय में गहमा-गहमी शुरू हो गई थी। ऑफिस को पीले और नीले गुब्बारों से सजाया गया है। पिछली बार इन्हें सफेद और नीले कलर के गुब्बारों से सजाया गया है। चुनाव नतीजों से आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा है, 15 साल पुराने कूड़ाराज को हमने खत्म कर दिया है, MCD में भाजपा के भ्रष्टाचार के राज को खत्म किया है। भाजपा की डर्टी पॉलिटिक्स को जनता ने अपने वोट की ताकत से जवाब दिया है। अब तय हो गया है कि पूरे देश में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल ही विकल्प है, भाजपा के खिलाफ आम आदमी पार्टी ही विकल्प है। संजय सिंह ने दावा किया कि बीजेपी MCD चुनाव हार गई है, आप का ही मेयर इस बार बनेगा । वहीं दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी के पंजाब से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा है, दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी ने गंदगी कर दी है, नगर निगम की पहली और संवैधानिक जिम्मेदारी साफ-सफाई की होती है। दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल को जो जिम्मेदारी दी, उन्होंने उसे पूरा किया।

अब नगर निगम की जिम्मेदारी हमारे पास आ जाएगी तो साफ-सफाई होगी, दिल्ली सुंदर बनेगी। पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में 15 साल लंबे कांग्रेस शासन और अब MCD में 15 साल लंबे बीजेपी शासन को उखाड़ फेंका। इससे पता चलता है कि दिल्ली के लोगों को नफरत की राजनीति पसंद नहीं है, वे स्कूलों, अस्पतालों, बिजली, सफाई और बुनियादी ढांचे के लिए वोट करते हैं। आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उनकी पार्टी 180 से पार जाएगी। आम आदमी पार्टी को एक तरफा जीत मिलेगी। 180 के बाद कहां रुकेंगे रुझान कह नहीं सकते। पोस्टर बैलेट में सरकारी आदमी वोट डालता है। वह डरता भी है। सरकारी आदमी सोचता है कि कहीं कोई देख तो नहीं लेगा। पहली बार दिल्ली के MCD चुनाव में सुल्तानपुरी ए वार्ड 43 से आम आदमी पार्टी की ट्रांसजेंडर उम्मीदवार बॉबी जीतीं हैं।

भाजपा नेताओं ने कहा- दिल्ली MCD में हमारी सरकार बनेगी–

भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि इंतजार कीजिए। बीजेपी को जीत मिलेगी। मेयर बीजेपी का ही बनेगा। नतीजे आने दीजिए। केजरीवाल को हम 100 सीटों से नीचे समेट देंगे। वहीं सांसद मनोज तिवारी ने कहा, आज देखना ये अहम है कि कांटे की टक्कर में जीत किसकी होती है। एक हिसाब से ये आप की हार है। वे कहते थे, हम 200 सीटें लाएंगे। ऐसे लोगों का चेहरा देखना चाहिए। दिल्ली में भाजपा नेता हरीश खुराना ने कहा, हमने कोरोना काल में भी कचरे के निपटारे के लिए काम किया। भाजपा ने काम किया है। हमें विश्वास है कि अगला मेयर बीजेपी का ही होगा। पिछली बार भी सर्वे में बीजेपी को 50 सीटें मिली थीं, लेकिन हम दो-तिहाई बहुमत से जीते थे। MCD की 250 सीटों पर 4 दिसंबर को मतदान हुआ था। इन चुनाव में 250 वार्ड में कुल 1349 उम्मीदवार मैदान में हैं। दिल्ली की सत्ता के तीन पावर सेंटर्स हैं। दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार और MCD। केंद्र सरकार की शक्तियां तो उसके पास ही रहेंगीं। अब मान लीजिए दिल्ली में और केंद्र में विरोधी दलों की सरकारें हैं तो केंद्र में सत्ताधारी दल चाहता है कि नगर निगम उसके पास रहे और वह दिल्ली को अपने हिसाब से रेगुलेट कर सके।

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