बिजली कर्मचारियों के आगे झुके ऊर्जा मंत्री, आंदोलन स्थगित

लखनऊ। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र एवं ऊर्जा मंत्री के मध्य हुए लिखित समझौते के बाद संघर्ष समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी एवं ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा जी के प्रति विश्वास व्यक्त करते हुए 29 नवम्बर से चल रहे कार्य बहिष्कार आन्दोलन को फिलहाल 15 दिन के लिए स्थगित कर दिया है।

ऊर्जा मंत्री ने स्पष्ट घोषणा की कि ऊर्जा निगमों में चेयरमैन एवं प्रबन्ध निदेशकों का आर्टिकल ऑफ एशोसियेशन के अनुरूप चयन समिति द्वारा चयन की प्रक्रिया शीघ्रातिशीघ्र सम्पन्न की जायेगी। वार्ता के दौरान मुख्य सलाहकार मुख्यमंत्री अवनीश कुमार अवस्थी, पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक पंकज कुमार, उत्पादन निगम के प्रबन्ध निदेशक गुरू प्रसाद उपस्थित थे।

ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते के अनुसार बिजली कर्मियों को पूर्व की भांति नौ वर्ष, 14 वर्ष एवं 19 वर्ष की सेवा के बाद तीन पदोन्नति पद के समयबद्ध वेतनमान के आदेश निर्गत किये जायेंगे तथा 220 केवी, 400 केवी, 765 केवी विद्युत उपकेन्द्रों में परिचालन एवं अनुरक्षण हेतु आउटसोर्सिंग नहीं की जायेगी एवं ट्रांसफार्मर वर्कशॉप का किसी भी प्रकार का निजीकरण/आउटसोर्सिंग नहीं की जायेगी।

बिजली कर्मियों के लिए पावर सेक्टर इम्प्लॉइज प्रोटेक्शन एक्ट शीघ्रातिशीघ्र लागू किया जायेगा एवं बिजली कर्मियों को सरकारी चिकित्सा संस्थानों में कैशलेस इलाज की सुविधा तत्काल प्रभाव से प्रदान करने एवं निजी अस्पतालों में कैशलेस इलाज की व्यवस्था द्विपक्षीय वार्ता द्वारा किये जाने का निर्णय हुआ।

ऊर्जा निगमों में समस्त भत्तों का द्विपक्षीय वार्ता द्वारा पुनरीक्षण किया जायेगा एवं ताप बिजली घरों में लम्बित उत्पादन प्रोत्साहन भत्ते का भुगतान किया जायेगा। ताप बिजली घरों में आवासीय पैनल रेण्ट के आदेश निरस्त किये जायेंगे तथा वाहन की व्यवस्था पूर्ववत लागू की जायेगी। समझौते में साफ लिखा गया है कि बिजली कर्मियों और पेन्शनर्स को मिल रही रियायती बिजली की व्यवस्था में कोई परिवर्तन नहीं किया जायेगा।

सभी श्रेणी के बिजली कर्मियों की वेतन विसंगतियां तीन माह में द्विपक्षीय वार्ता द्वारा दूर की जायेगी। संविदा/निविदा कर्मियों के सम्बन्ध में यह निर्णय लिया गया कि सभी ऊर्जा निगमों में समान पद पर कार्य कर रहे सभी संविदा/निविदा कर्मियों को एक समान वेतन दिया जायेगा और संविदा कर्मियां को वाह्य सेवा प्रदाता द्वारा ईपीएफ भुगतान में किये गये घोटाले की जांच की जायेगी।

वर्ष 2020 के आन्दोलन के फलस्वरूप बिजली कर्मियों पर की गयी जो FIR अभी तक वापस नहीं हुई हैं। उनका अनुश्रवण कर उन्हें शीघ्रातिशीघ्र वापस कराया जायेगा। वर्तमान आन्दोलन के फलस्वरूप बिजली कर्मचारियों, अवर अभियन्ताओं और अभियन्ताओं एवं संविदा कर्मियों के विरूद्ध की गयी उत्पीड़न की समस्त कार्यवाहियां यथा कारण बताओ नोटिस निलम्बन, निष्काशन, उपार्जित/चिकित्सा अवकाश निरस्तीकरण एवं पुलिस की कार्यवाही इत्यादि सभी अनुशासनात्मक कार्यवाहियां तत्काल प्रभाव से वापस ली जायेगी।

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