रतन गुप्ता
महराजगंज। सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने के लिए बसों को 13 प्रकार से जांचकर वर्कशॉप से निकाला जाता है, जिसमें बसों की हेडलाइट, बैकलाइट, ब्रेक, हार्न, बैटरी और इसमें अग्निशमन यंत्र और आपात दरवाजों की भी जांच जरूरी है। जिसकी सही तरह से जांच न होने से ऐसी दुर्घटनाएं घटती हैं। सोनौली डिपो ,महराजगंज डिपो बस स्टेशन परिसर में गोरखपुर जाने वाली बस में अग्निशमन यंत्र के जगह रखा गया पानी। सोनौली महराजगंज की रोडवेज बसों में आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। ऐसे में बसों में यात्रा करना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है। क्योंकि ये बसें कब जवाब दे जाएं, इसका भी भरोसा नहीं है। सोनौली महराजगंज डिपो की ज्यादातर बसों में फायर सिलिंडर नहीं हैं। बसों में ढूंढने पर भी आग से बचाव का इंतजाम नहीं दिखेगा। गिने चुने बसों में आगे से बचाव का इंतजाम दिखता है।
जानकारी के अनुसार, महराजगंज सोनौली डिपो में 100 बसें संचालित होती हैं। इसमें अनुबंधित बसें भी शामिल हैं। मंगलवार को रोडवेज बसों की पड़ताल में ज्यादातर बसों में फायर सिलिंडर नहीं दिखीं। कुछ बसों में दिखीं तो वे एक्सपायर हो चुकी थीं। चालक के पीछे लगे स्टैंड खाली नजर आए। अभी बीते दिनों बहराइच जा रही जनरथ बस में आग लगने की घटना हुई है। लेकिन, इसके बाद परिवहन निगम सबक नहीं ले रहा है। यात्री सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरती जा रही है। सामाजिक कार्यकर्ता दिलीप शुक्ला रंजन गुप्ता ने बताया कि वाहनों में आग लगने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। जिसको ध्यान में रखते हुए ही शासन की तरफ से रोडवेज की बसों में अग्निशमन यंत्र और फर्स्ट एड बाक्स रखने के विशेष दिशा-निर्देश हैं। जिसके बाद से इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। बसों में फायर सिलिंडर समेत अन्य सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया रहा है। चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बसों में सुरक्षा मानक पर ध्यान नहीं दिया जाता है। निगम के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
इन विंदुओं पर करनी होती है जांच..
सुरक्षा मानकों पर खरा उतरने के लिए बसों को 13 प्रकार से जांचकर वर्कशॉप से निकाला जाता है, जिसमें बसों की हेडलाइट, बैकलाइट, ब्रेक, हार्न, बैटरी और इसमें अग्निशमन यंत्र और आपात दरवाजों की भी जांच जरूरी है। जिसकी सही तरह से जांच न होने से ऐसी दुर्घटनाएं घटती हैं। वर्कशाप में बसों की मरम्मत तो की जाती है। लेकिन, सामान के अभाव में जुगाड़ से बसों में पार्ट्स लगाए जाते है। बसों में आग से बचाव के लिए फायर सिलिंडर लगी हुई है। समय-समय पर जांच कराई जाती है। अगर किसी में नहीं है तो लगवा दिया जाएगा। यात्री सुरक्षा पर परिवहन निगम गंभीर है। -एनके चौधरी, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, महराजगंज डिपो।