इस भारतीय नस्ल के प्रधानमंत्री के चयन को एक विशेष कसौटी पर परखना आवश्यक है। साम्राज्यवादी ब्रिटेन के दो सदियों तक उपनिवेश रहे भारत के मूल का व्यक्ति सुनक यदि इन श्वेतों के राष्ट्र का शासनाध्यक्ष बन जाता है तो यह अत्यन्त अद्भुत घटना है। घनघोर साम्राज्यवादी और ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी के प्रधानमंत्री रहे सर विनस्टन चर्चिल भारत को स्वतंत्रता देने का आजीवन विरोध करते रहे। उनकी सर्वविदित राय थी कि : “ये अश्वेत भारतीय स्वशासन के काबिल नहीं हैं।‘’ चर्चिल के मशहूर उक्ति थी कि “जब अंग्रेज भारत छोड़ेंगे, तो न एक पाई, न एक कुंवारी ही भारत में बचेगी। उनका मत था कि भारत को वित्तीय मदद नहीं देना चाहिए क्योंकि “वे खरगोश की तरह बच्चे पैदा करते हैं।
आबादी बढ़ाते हैं।‘’ इस कंजर्वेटिव पार्टी के नेता चर्चिल ने कहा था कि “हिन्दु एक पाशविक (सनातन) धर्म का अनुसरण करते हैं।‘’ चर्चिल को हिटलर की राय थी कि महात्मा गांधी को शूट कर दो। जंगे आजादी ही खत्म हो जायेगी। वो ऐसे नृशंस शासक उपनिवेशवादी चर्चिल की पार्टी के नेता अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने तो नितान्त गहरा और निश्चित प्रगतिवादी परिवर्तन ही आया है। इन गोरी नस्ल की सोच भी बदली है। ऋषि सुनक इसीलिये भारत में लोकप्रिय हो रहे हैं। राबर्ट क्लाइव ने भारत में ब्रिटिश शासन स्थापित किया था। गद्दार मीर जाफर को पाला था। मद्रास और हावड़ा को लूटा था। अपनी कब्र में क्लाइव लेटा ऋषि सुनक के शासनाध्यक्ष बन जाने पर कुछ तो गमगीन होगा। बस इसी मे सुनक की कीर्ति है।
K Vikram Rao
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