रंजन कुमार सिंह
देश की राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में निर्भया जैसी दरिंदगी का हालिया मामला झूठा पाया गया। मगर ये इकलौता ऐसा मामला नहीं है, जो झूठा पाया गया हो। साल 2021 की NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, रेप के 4,000 से ज्यादा मामले ऐसे हैं जो फर्जी पाए गए हैं। यही नहीं, इसके अलावा 11,000 से ज्यादा महिलाओं के जबरन अपहरण के मामले भी पुलिस जांच में झूठे साबित हुए हैं। रेप के झूठे पाए गए मामलों में पिछले पांच सालों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जहां एक ओर रेप के मामलों में पिछले पांच सालों में कमी आई है। वहीं, पुलिस जांच में झूठे पाए रेप के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।
पांच सालों में फर्जी रेप केस के मामलें 55 प्रतिशत बढ़े
NCRB की ताजा रिपोर्ट के अनुसार पुलिस ने साल 2021 में 46,127 रेप के मामलों की जांच की। इनमें साल 2021 के 31,677 मामले बाकी पिछले सालों के लंबित और दोबारा खोले गए मामले भी शामिल हैं। पुलिस जांच के हिसाब से साल 2021 में 4,009 मामले फर्जी पाए गए। कुल जांचे जा गए मामलों के 8.7 प्रतिशत मामले फर्जी पाए गए।
आंकड़ों में गहरे उतरने पर पता चलता है कि फर्जी रेप के मामलों मे बढ़ोतरी हो रही है। साल 2017 में जहां कुल 46,984 रेप के मामलों की जांच चल रही थी। जिनमें से 2,556 मामले फर्जी करार दिए गए थे। साल 2017 में फर्जी मामलों का प्रतिशत 5.4 था। इस तरह पिछले पांच सालों में जहां रेप के मामलों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन झूठे पाए गए रेप के मामलों में 55 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
महिलाओं के अपराध के मामले में 5।8 परसेंटेज मामले झूठे
NCRB रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराध (Crime Against Women) के बाकी मामलों को देखने पर यहीं ट्रेंड सामने आता है। महिलाओं के खिलाफ साल 2021 में कुल 5.29 लाख से ज्यादा मामलों की जांच हुई। इसमें से 5.8 प्रतिशत (30,929) केस झूठे पाए गए। पति और रिश्तेदारों के द्वारा हिंसा के 3.6 प्रतिशत (6,938), महिला के अपहरण और जबरन कब्जे के 9.1 प्रतिशत (11,680), स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग के 5।4 प्रतिशत (6,764) मामले भी फर्जी साबित हुए।
कम हो रहे हैं रेप के मामले
NCRB के आकड़ों में रेप के मामले में थोड़ी राहत मिली है। जहां साल 2021 में 31677 मामले दर्ज हुए थे। साल 2021 में क्राइम रेट (Crime Rate) 4.8 रहा है। क्राइम रेट दरअसल प्रति एक लाख आबादी पर दर्ज मामलों से किसी राज्य या देश का क्राईम रेट मापा जाता है। पांच साल पहले साल 2017 में क्राइम रेट 5.2 था। साल 2017 में रेप के 32,559 मामले दर्ज हुए थे। वहीं, कोविड प्रभावित साल में रेप के 28,046 मामले रिपोर्ट किए गए थे।