हाल में बसपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल हुए नेता हुए सामांतर
कुमार राकेश
लखनऊ। बसपा में जूनियर रहे कई नेता कांग्रेस में आने के बाद सीनियर हो गए। यही नहीं एक जूनियर नेता तो कभी सीनियर रहे नेता के समानांतर हो गया। कांग्रेस हाईकमान की उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी की नवनियुक्त अध्यक्ष एवं छह प्रांतीय अध्यक्षों की यह नियुक्ति इस बात को प्रमाणित करती नजर आ रही है। बसपा में नसीमुद्दीन सिद्दीकी की अगुवाई में कार्य करने वाले बृजलाल खाबरी को कांग्रेस हाईकमान ने प्रांतीय अध्यक्ष नियुक्त कर साबित कर दिया। यह मामला कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही है। चर्चा तो यह भी है कि जिसका किसी समय कांग्रेसियों ने जमकर विरोध किया आज उसी को कमान सौंप दी गई है।
बीते सप्ताह प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष समेत छह प्रांतीय अध्यक्षों का पदभार गहण समारोह हुआ। पुराने कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि पदभार ग्रहण कार्यक्रम में कांग्रेस की पुरानी परंपराओं को नकार कर नए अध्यक्ष का पदभार ग्रहण करा दिया। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस में नए अध्यक्ष के पदभारग्रहण समारोह में प्रदेश प्रभारी की मौजूदगी हमेशा रहती रही है,इस बार प्रियंका नहीं आईं। इससे पूर्व निर्मल खत्री के पदभार ग्रहण के समय तत्कालीन प्रदेश प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री एवं रीता बहुगणा के कार्यक्रम में दिग्विजय सिंह मौजूद रहे थे। इस बार प्रदेश अध्यक्ष के पदभार ग्रहण करने के दौरान प्रदेश प्रभारी ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष के प्रबल दावेदार तक नदारद रहेे। पदभार ग्रहण समारोह में प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर सुर्खियों में रहने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम, राजेश मिश्रा, सुप्रिया श्रीनेत समेत कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिखाइ्र्र ही नहीं पड़े। यही प्रदेश एनएसयूआई एवं युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष स्वयं प्रकाश गोस्वामी भी समारोह में नजर नहीं आए।
यही नहीं कांग्रेस हाईकमान ने बसपा सरकार में नसीमुृद्दीन सिद्धीकी के अंडर में काम करने वाले बृजलाल खाबरी को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। सूत्रों की माने तो बृजलाल खाबरी को नसीमुृद्दीन सिद्धीकी ने ही बसपा से बाहर का रास्ता दिखाया था। इसके साथ ही करीब दो माह पूर्व बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व मंत्री नकुल दूबे को कांग्रेस हाईकमान ने नसीमुृद्दीन के सामानांतर पद पर बिठा दिया। बताया गया है कि बुंदेलखंड में प्यासी जनता को पानी उपलब्ध कराने के बजाए खेत में शेल्फी लेने वाले बसपा नेता का कांग्रेसियों ने जमकर विरोध किया था। आज उसी को कमान सौंप दी गई। ऐसे हालात में प्रदेश में हाशिये पर चल रही कांग्रेस को संजीवनी प्रदान करना कांग्रेस हाईकमान की नई टीम के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। नव नियुक्त पदाधिकारियों का आपसी सामंजस्य बनाकर कांग्रेस की नैया पार लगाना आसान नहीं होगा।