महिलाओं के आचरण में आया बड़ा परिवर्तन
धम्म चक्क पवत्तन दिवस का वार्षिकोत्सव एवं कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन
राकेश यादव
लखनऊ। भारतीय बौद्ध परिषद ह्व लखीमपुर खीरी के महामाया बुद्ध विहार में धम्म चक्क पवत्तन दिवस, वार्षिकोत्सव एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में इंजीनियर भीमराज, अधिशासी अभियंता (सेवानिवृत) उत्तर प्रदेश जल निगम को आमंत्रित किया गया। इस मौके पर मुख्यवक्ता इंजीनियर भीमराज साहब ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि यदि बहुजनों को मान-सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीवन जीना है, तो बाबा साहब के बताए हुए धम्म को सामूहिक रूप से जिन लोगों ने नहीं ग्रहण किया है, उन्हें ग्रहण कर लेना चाहिए। बाबा साहब कहते थे, कि किसी भी समाज की प्रगति मैं महिलाओं की प्रगति से आंकता हूं। धर्म परिवर्तन के बाद बौद्ध महिलाओं के आचरण में भी बड़ा परिवर्तन आया है। आज बौद्ध समाज की महिलाएं नियमित रुप से बुद्ध विहार जाती हैं ,और वहां पर सामूहिक बुद्ध वंदना करती हैं, और बुद्ध विहार का संचालन भी करती हैं। अब वे केवल बाबा साहब की बतायी गयी 22 प्रतिज्ञाओं का कठोरता से पालन करती हैं।
उपनिषदों का ऋषि अपने अंधकार को दूर कराने के लिए किसी अज्ञात शक्ति से प्रार्थना ही करता है, और भगवान बुद्ध ने तो बुद्धत्व प्राप्ति के बाद घोषणा किया कि अंधकार समाप्त हुआ और आलोक उत्पन्न हुआ। उन्होंने कहा कि गुलाम भारत में एक ऐसे महामानव का जन्म हुआ जो भारत की वर्ण व्यवस्था, असमानता, विषमता, छुआछूत, ऊंच-नीच तथा जातिपांति का शिकार रहा। उसने विषम परिस्थितियों में इतनी विद्या प्राप्त किया, कि उसके बराबर का भारत का द्विज भी विद्या प्राप्त नहीं कर पाया। उस महापुरुष का नाम बोधिसत्व बाबा साहब डा. भीमराव अंबेडकर है। कार्यक्रम की अध्यक्षता रामस्वरूप गौतम ने किया एवं संचालन परिक्रमा प्रसाद प्रधानाचार्य ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से भिक्षु संघ, डॉ. रामकुमार एवं काफी संख्या में उपासक उपस्थित रहे।