नई दिल्ली। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक बसों को समय की जरूरत बताते हुए इनके ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दिया और कहा कि इससे प्रदूषण में कमी आएगी और डीजल तथा कच्चे तेल के आयात पर निर्भता कम हो सकेगी। गडकरी ने हरित और स्वस्थ परिवहन के लिए सतत वित्त विषय पर गुरुवार को यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रणाली से पर्यावरण को लाभ होगा और डीजल पेट्रोल पर हमारी निर्भरता घटेगी। उनका कहना था कि इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी से सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में लोग रुचि दिखाएंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रिक बसों का महत्व समझाते हुए कहा कि इनके आने से प्रदूषण में कमी आएगी और हम डीजल और कच्चे तेल के आयात को भी कम कर पाएंगे। CESL को 5450 ई-बसों के टेंडर के लिए बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी गति और बढाई जानी चाहिए और 50000 ई-बसों के बजाय पांच लाख बसों का लक्ष्य निर्धारित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ऑटोमोबाइल उद्योग को गति देने की कोशिश कर रही है।
यह ऐसा उद्योग है जिसमें रोजगार देने की बहुत संभावना है इसलिए भी सरकार इसे 15 लाख करोड़ रुपए का उद्योग बनाने की कोशिश कर रही है। रोजगार के लिहाज से इस उद्योग को महत्वपूर्ण बताते हए उन्होंने कहा कि इससे देश में चार करोड़ रोजगार पैदा करने की क्षमता है। इस उद्योग ने राज्य और केंद्र सरकार को अधिकतम राजस्व दिया है। गडकरी ने निजी वाहनों के इस्तेमाल में कमी लाने के प्रयास पर भी जोर दिया और कहा कि लोग कम खर्च में अधिक आराम चाहते हैं। उन्होंने बस निगमों को होने वाले नुकसान को रोकने और बस यात्रा को आसान बनाने के लिए बसों में हाथ से दिये जाने वाली टिकट प्रणाली के स्थान पर कार्ड या QR कोड आधारित प्रवेश-निकास प्रणाली के इस्तेमाल का भी प्रस्ताव दिया। (वार्ता)