नया लुक ब्यूरो
शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में भारत, चीन, रूस और पाकिस्तान एक मंच पर दिखाई देंगे। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की वार्षिक बैठक में PM मोदी राजधानी दिल्ली से आज शाम समरकंद के लिए रवाना हो गए हैं। 16 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की होने जा रही मुलाकात को लेकर दुनियाभर की निगाहें लगी हुई है। पाकिस्तान में इमरान खान के पद से हटने और शहबाज शरीफ के प्रधानमंत्री बनने के बाद PM मोदी से ये उनकी पहली मुलाकात होगी। इस बैठक कल सबसे पहले नेताओं का ग्रुप फोटो होगा।
यह पहला मौका होगा जब PM नरेंद्र मोदी, रूसी राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तानी PM शाहबाज शरीफ समेत अन्य नेता साथ होंगे। प्रधानमंत्री मोदी उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के निमंत्रण पर वहां का दौरा कर रहे हैं। उज्बेकिस्तान SCO का मौजूदा अध्यक्ष है। PM मोदी ने रवाना होने से पहले एक बयान में कहा, ‘SCO शिखर सम्मेलन में, मैं मौजूदा, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों, SCO के विस्तार एवं संगठन के भीतर बहुआयामी तथा परस्पर लाभकारी सहयोग को और गहरा करने के लिए विचारों के आदान-प्रदान को लेकर उत्सुक हूं। शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। बता दें कि शंघाई सहयोग संगठन की स्थापना 2001 में शंघाई में की गई थी।
वर्तमान में इस संगठन नें आठ देश- चीन, भारत, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, रूस, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं। चार पर्यवेक्षक देश-अफगानिस्तान, बेलारूस, ईरान और मंगोलिया हैं। छह देश- आर्मेनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और तुर्की संवाद भागीदार की भूमिका में हैं। पिछले साल एक पूर्ण सदस्य देश के रूप में ईरान को शामिल करने का फैसला लिया गया था। वहीं, नए संवाद भागीदार के रूप में यह फैसला मिस्र, कतर और सऊदी अरब के लिए लिया गया था। इस संगठन की अहमियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसके सदस्यों के पास दुनिया की करीब आधी आबादी वाले देश हैं। इनमें से तीन देश- भारत, रूस और चीन इस समय अर्थव्यवस्था और सैन्य ताकत के लिहाज से दुनिया की प्रमुख महाशक्तियों में शामिल हैं। यही वजह है कि SCO को पश्चिमी ताकतवर देशों के सैन्य संगठन नाटो के बढ़ते दबदबे का जवाब माना जाता है।