उमेश तिवारी
काठमांडू/नेपाल। नेपाल में गठबंधन का खेल शुरू हो गया है। नेपाली जनता, खासकर मधेशियों की यह धारणा सच होती दिख रही है कि मधेशी दल वहीं रह सकते हैं जहां सत्ता हो। नेपाल में अभी नेपाली कांग्रेस की सरकार है, जिसमें जनता समाज पार्टी सहभागी है। सीटों के बंटवारे में बात नहीं बनी तो मधेश के इस दल ने एमाले अर्थात पूर्व पीएम ओली से हाथ मिला लिया। नेपाल के राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि चुनाव की घोषणा होते ही चीनी कम्युनिस्ट नेताओं के काठमांडू दौरे का यह परिणाम है।
जिसका मकसद अपेक्षाकृत भारत समर्थक दल को चुनाव में कमजोर करना है। जनता समाज पार्टी इसके पहले ओली सरकार में भागीदार रहा है। सीपीएन-यूएमएल और जनता समाजवादी पार्टी ने कुछ क्षेत्रों में चुनावी तालमेल हासिल किया है। यूएमएल महासचिव शंकर पोखरेल ने सोशल मीडिया पर जानकारी दी कि दोनों पार्टियों के बीच चुनावी तालमेल हो गया है। यूएमएल अध्यक्ष केपी शर्मा ओली और जेएसपी अध्यक्ष उपेंद्र यादव ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते के मुताबिक जसपा को प्रतिनिधि सभा में 17 और प्रांतीय विधानसभा में 42 सीटें मिलेंगी।