डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
भारतीय संस्कृति में प्रत्येक पर्वों का विशिष्ट सन्देश व सामाजिक पृष्ठिभूमि को महत्व दिया गया। इसके अनुरूप लायंस अनिंद ने गोवर्धन पूजा भंडारा आयोजित किया.इसमें दो हजार लोगों को अन्नकूट भोजन कराया गया। यह समरसता और संगठन का पर्व है.प्रभु श्री कृष्ण परमात्मा है। गोपियां,ग्वाल व अन्य लोग परमात्मा के अंश है। प्रभु श्री कृष्ण लीला करते है। जन सामान्य इस पर उत्सव मनाता है। गोवर्धन पूजा में अहंकार के नाश का सन्देश है। इसी के साथ कृषि,जलवायु,गोवंश, पर्यावरण,प्रकृति आदि के संरक्षण का भी सन्देश है। यह समाज की शक्ति को भी रेखांकित करता है। श्री कृष्ण अकेले ही इंद्र को परास्त कर सकते है।
लेकिन उन्होंने यह कार्य समाज के सहयोग से किया। प्रभु श्री राम अकेले ही लंका विजय कर सकते थे। लेकिन उन्होंने भी समाज के सहयोग से यह कार्य किया। भारतीय पर्वों में भी सामाजिक चेतना संगठन और सौहार्द का विचार समाहित है। भारतीय मान्यता में आस्तिकता,अवतार, कर्मफल में विश्वास रखने की बात कही गई। वस्तुतःभारतीय समाज उत्सवधर्मी है। इस अवसर पर लायंस के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर बी एन चौधरी,वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर मुकेश जैन,राकेश अग्रवाल,वाइस डिस्ट्रिक्ट गवर्नर ऐ के सिंह,पार्षद राम कृष्ण यादव,नरेश चंद्र,योगेश गोयल योगेश दीक्षित,राम कुमार आजाद,के सी वर्मा,आर आर गंगवार,नगीना प्रसाद,बी एल तिवारी राजीव पंडित हेमंत सिंह, अभिषेक शुक्ला,मुकेश गुप्ता प्रिया गुप्ता,पंकज शुक्ला,नितिन यादव सोहन प्रताप,राजेश श्रीवास्तव,सौरभ तिवारी,आदित्य अजय सहित अनेक लोग उपस्थित थे।