प्रतापगढ़। आधुनिक एंबुलेंस के EMT ओर पायलट के खिलाफ विभाग बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है। इनका एक बड़ा कारनामा की खुलासा होने के बाद अब विभाग इनके खिलाफ कार्रवाई करने जा रहा है। जांच में सत्यता मिली तो सेवा समाप्ति के पहले इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो सकता है। लालगंज के देऊम घुइसरनाथ निवासी सुभाष की पत्नी रीना गर्भवती थी। दो अक्तूबर को प्रसव पीड़ा होने पर रीना के भाई उमेश ने सुखपाल नगर पीएचसी में भर्ती कराया। यहां नार्मल प्रसव के बाद रीना ने बेटे को जन्म दिया।
हालत गंभीर देख चिकित्सकों ने नवजात को एसएनसीयू भेज दिया। उमेश का आरोप है कि वह अपने बच्चे को सुलतानपुर इलाज कराने के लिए लेकर जाना चाह रहा था। मगर डॉक्टर रेफर करने को तैयार नहीं हुआ। अंत में रेफर भी किया तो सेटिंग वाले एलएस एंबुलेंस चालक और EMT को बुलाया। तीन अक्तूबर की सुबह नवजात बच्चे को अपनी सेटिंग वाले अस्पताल में एलएस एंबुलेंस से भेज दिया। चालक उमेश पर बच्चे को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करा दिया। 15 दिनों तक मासूम बच्चे के इलाज पर तीन लाख रुपये खर्च कर दिए।
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इसके लिए सुभाष को पत्नी के जेवरात और दो भैंस भी बेचनी पड़ी। मगर बच्चे को बचाया नहीं जा सका। नाराज परिजनों ने इसकी शिकायत स्वास्थ्य मंत्री से करते हुए जांच कर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। इतना ही नहीं चार माह पूर्व पूर्व MLC बब्बू राजा के चालक के नवजात को भी एंबुलेंस कर्मियों ने सेटिंग वाले अस्पताल में भर्ती कराया था। इसकी भी शिकायत लोगों ने की थी। मगर उस समय स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। इस बार अमर उजाला ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित किया तो एंबुलेसं कर्मियों के साथ SNCU के डॉक्टरों के साथ कर्मचारियों में खलबली मच गई। एलएस एंबुलेंस के सीएल उमेश यादव ने बताया कि LS एंबुलेंस की जांच की जा रही है।
प्रयागराज के जिस नर्सिंग होम का मामला सामने आया है वहां पता लगाया जा रहा है कि कितने नवजात आए हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी से बात कर वहां के CCTV फुटेज निकलवाया जा रहा है। यदि एंबुलेंस गई होगी, कर्मचारी गए होंगे तो वे कैमरा में कैद होंगे। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी। वहीं मुख्य चिकित्साधिकारी GM शुक्ला ने कहा कि मरीजों के रेफर किए जाने के मामले की पूरी तरह से जांच की जाएगी। मामला एडी तक पहुंच गया है। जांच में यदि सत्यता सामने आई तो इस खेल में शामिल चिकित्सकों के साथ कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई तय है।
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