शिक्षक दिवस: उनको नमन जिन्होंने समाज के चरित्र और नैतिकता को सकारात्मक दिशा दी

जयपुर से राजेंद्र गुप्ता

हम सभी को यह अवश्य पता होना चाहिए कि आखिर शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत के महान शिक्षाविद और  पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में पूरे भारत में पांच सितंबर को मनाया जाता है। एक महीने बाद, 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस भी कहा जाता है। विश्व शिक्षक दिवस शिक्षकों को उनकी उपलब्धियों, प्रयासों और समाज के साथ-साथ अपने छात्रों के जीवन में योगदान के लिए सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का इतिहास 

यह दिवस विभिन्न तिथियों पर विभिन्न देशों में मनाया जाता है, लेकिन भारत में शिक्षक दिवस का आयोजन पंडित श्री सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर पांच सितंबर को किया जाता है। पंडित राधाकृष्णन, जिन्हें चाचा नेहरू द्वारा ‘सर्वप्रिय गुरु’ कहकर संबोधित किया गया था, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेता और विचारक थे। उनका जन्म पांच सितंबर, 1888 को हुआ था। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी उपलब्धियों से देश को प्रेरित किया और उनकी गुरुता की मान्यता की गई।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के कट्टर समर्थक थे और एक प्रसिद्ध राजनयिक, विद्वान, भारत के राष्ट्रपति और सबसे बढ़कर एक शिक्षक थे। जब उनके कुछ छात्र और मित्र उनके पास आए और उनसे उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, तो उन्होंने कहा, “मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाय, यह मेरा गौरवपूर्ण विशेषाधिकार होगा, अगर पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए”। तब से, पांच सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य शिक्षकों के प्रति समर्पण और आभार व्यक्त करना है, उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देना है और शिक्षा के क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को समझने का अवसर प्रदान करना है। इस दिन, विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें छात्र शिक्षकों के प्रति अपने आदर और आभार को व्यक्त करते हैं। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे समाज के नेतृत्व और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षण दुनिया का सबसे प्रभावशाली काम है। शिक्षकों को युवाओं के दिमाग को आकार देने के लिए जाना जाता है और ज्ञान के बिना इस दुनिया में कोई भी अस्तित्व में नहीं रह सकता है। शिक्षक बच्चों में अच्छे संस्कार डालकर उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाता है। इसलिए, लगभग हर देश शिक्षक दिवस मनाता है।

शिक्षक दिवस एक विशेष और महत्वपूर्ण दिन है जो हमें शिक्षकों के योगदान की महत्वपूर्णता को समझाने में मदद करता है। यह एक अवसर है जब हम उन गुरुओं का सम्मान कर सकते हैं जिन्होंने हमें ज्ञान का प्रकार और मार्ग दिखाया है। शिक्षा मानव समाज की नींव होती है और शिक्षक उसके रक्षक और रखवाले होते हैं। उनका कार्यक्षेत्र केवल पढ़ाने-लिखाने तक ही सीमित नहीं होता, बल्कि वे विद्यार्थियों के चरित्र, नैतिकता, और व्यक्तिगत विकास में भी सहायक होते हैं। शिक्षक दिवस का मनाने से हम उन शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान व्यक्त कर सकते हैं, जिन्होंने हमें ज्ञान के प्रति प्रेरित किया है। उनके मार्गदर्शन में हमने जीवन के सफलता के मार्ग को चुना है और उनकी मेहनत और समर्पण के सामर्थ्य को सराहने का अवसर प्राप्त होता है। शिक्षक दिवस के दिन हम यह समझते हैं कि शिक्षक न केवल किताबों के पाठक होते हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तिगत और आधारभूत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका संघर्ष, मेहनत और समर्पण हमें प्रेरित करते हैं कि हम भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करें और सफलता प्राप्त करें।

इस प्रकार, शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता और सम्मान देने का अवसर प्रदान करता है और हमें उनके महत्व को समझने में मदद करता है। यह एक दिन है जब हम उनके प्रति अपनी कृतज्ञता और आदर व्यक्त कर सकते हैं और उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की प्रशंसा कर सकते हैं। “आधुनिक भारत के राजनीतिक विचारक” नामक अपनी पुस्तक में, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने लोकतांत्रिक भारत जैसे देश में शिक्षकों और शिक्षा के महत्व को दर्शाया, जो अभी भी विकास के शुरुआती वर्षों में था। उनके अनुसार राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है और इस नाते शिक्षकों का अधिक सम्मान किया जाना चाहिए। एक विचारक और शिक्षक होने के साथ-साथ वे एक दार्शनिक भी थे। उन्होंने एक बार भगवद गीता पर एक किताब लिखी थी और वहां उन्होंने एक शिक्षक को इस प्रकार परिभाषित किया था, “वह जो विचारों की विभिन्न धाराओं को एक ही लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए प्रस्तुतिकरण पर जोर देता है”।

जिस समय उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया, उस समय के अधिकांश नेता जैसे जवाहरलाल नेहरू, महात्मा गांधी या डॉ. राजेंद्र प्रसाद राष्ट्र निर्माण में उनकी इस सोच के प्रशंसक थे। राजनीति के क्षेत्र में भी उनकी कुशलता का लोहा मनवाया। उनके पास बाधाओं को पहले से ही पहचानने की राजनीतिक अंतर्दृष्टि थी और पार्टी नेताओं को उनकी शिथिलता और चूक के लिए डांटने का आवश्यक साहस भी था। 1947 में, उन्होंने पूर्व कांग्रेसजनों को भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार के खतरनाक परिणामों के बारे में चेतावनी दी थी।  ऐसे व्यक्ति को निःसंदेह खड़े होकर अभिनंदन की आवश्यकता होती है। इसलिए एक सच्चे शिक्षक के मूल्यों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने के लिए यह दिन मनाया जाता है।

 

छात्र-शिक्षक संबंध

शिक्षक और छात्र का संबंध एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील संबंध होता है जो शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह संबंध न केवल ज्ञान के पास से गुजरता है, बल्कि छात्र के व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शिक्षक छात्र का मार्गदर्शक होता है, जो उन्हें ज्ञान के प्रति प्रेरित करता है और सही मार्ग पर चलने में मदद करता है। शिक्षक की मेहनत, समर्पण और उनके अनुभवों से छात्र को नये और उनिक कोण से सोचने की कला सिखाई जाती है। उनके प्रेरणास्त्रोत और मार्गदर्शन से ही छात्र अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित होते हैं।

इसके साथ ही, शिक्षक छात्र की शिक्षा में माता-पिता का भी महत्वपूर्ण भूमिका होता है। शिक्षक न केवल ज्ञान का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि वे छात्र के साथ उनके विचारों और संदेशों को साझा करते हैं, जिससे छात्र का आत्म-विश्वास और सोचने की क्षमता मजबूत होती है। छात्र भी शिक्षक के द्वारा सिखाए गए नैतिकता, उदारता, और सहयोगिता के सिखने का माध्यम होते हैं। यह संबंध छात्र को सिखने के लिए सुरक्षित और स्वतंत्र माहौल प्रदान करता है जिसमें वे नये विचार प्रस्तुत कर सकते हैं और नए कौशल विकसित कर सकते हैं।

 

शिक्षक दिवस का महत्व 

यह एक दिन है जब हम अपने गुरुओं के प्रति आदर और सम्मान व्यक्त कर सकते हैं, और उनके महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का अवसर प्राप्त करते हैं। यह दिन शिक्षकों के समर्पण, उत्कृष्टता, और सेवाभाव की प्रशंसा करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम होता है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर, विद्यालयों और कॉलेजों में विभिन्न कार्यक्रम जैसे कि शिक्षक दिवस पर निबंध, प्रतियोगिताएं, और कला-सांस्कृतिक कार्यक्रम, शिक्षक दिवस पर भाषण आयोजित किए जाते हैं। छात्र शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और समर्पण को व्यक्त करते हैं और उनके संघर्ष, मेहनत, और समर्पण की प्रशंसा करते हैं।

 

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है

शिक्षक न केवल ज्ञान के स्रोत होते हैं, बल्कि वे छात्रों के व्यक्तिगत और आधारभूत विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनका संघर्ष, मेहनत, और समर्पण हमें प्रेरित करते हैं कि हम भी अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कठिनाइयों का सामना करें और सफलता प्राप्त करें। इस प्रकार, शिक्षक दिवस एक महत्वपूर्ण एक्सप्रेशन है जो हमें शिक्षकों के महत्व को समझने और उनके योगदान की मान्यता करने का अवसर प्रदान करता है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे समाज के नेतृत्व और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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