बेंगलुरु। एक महिला को शादी का झांसा देकर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप में एक मुस्लिम व्यक्ति की गिरफ्तारी हुई। यह कनार्टक में एंटी कनवर्जन लॉ के तहत दर्ज पहला केस और पहली गिरफ्तारी है। घटना तब सामने आई जब पांच अक्टूबर को एक 19 साल की लड़की लापता हो गई। जिसके बाद छह अक्टूबर को लड़की की मां ने यशवंतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपी सैय्यद मोईन को हिरासत में भेज दिया गया है। गौरतलब है कि “कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट” 30 सितंबर से ही लागू हुआ है।
आंध्र प्रदेश के पेनुगोंडा में हुआ था धर्म परिवर्तन
लड़की की मां की शिकायत पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद सैयद मोईन और महिला से आठ अक्टूबर को थाने में पूछताछ की गई। यशवंतपुर के बीके नगर इलाके में मोईन और लड़की पड़ोसी थे। दोनों करीब छह महीने से एक-दूसरे को जानते थे। मोईन एक चिकन की दुकान पर काम करता था। जबकि लड़की उत्तर प्रदेश से रहने आए एक पेंटर की लड़की है। 13 अक्टूबर को लड़की की मां ने दोबारा शिकायत दर्ज कराई कि आरोपी ने पेनुगोंडा ले जाकर शादी के बहाने उसकी बेटी का धर्म परिवर्तन कर दिया है।
एंटी कन्वर्जन लॉ का मुख्य उद्देश्य
यशवंतपुर पुलिस ने कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन एक्ट की धारा पांच के तहत मामला दर्ज किया है। एंटी कन्वर्जन लॉ विशेष रूप से “गलत बयानी, बल, अनुचित प्रभाव, जबरदस्ती, प्रलोभन या किसी कपटपूर्ण तरीके से एक धर्म से दूसरे धर्म में अनुचित कन्वर्जन” को रोकने करने का प्रयास करता है। 30 सितंबर से लागू हुआ कानून एंटी कन्वर्जन लॉ को दिसंबर 2021 में विधानसभा में पारित किया गया था, लेकिन विधान परिषद में पेश नहीं किया गया था जहां भाजपा के पास आवश्यक ताकत का अभाव था। मई 2022 में धर्मांतरण विरोधी कानून को लागू करने के लिए एक अध्यादेश जारी किया गया।
पिछले महीने सितंबर में विधेयक को विधायिका के मानसून सत्र में फिर से पेश किया गया था, जिसमें भाजपा को 75 सदस्यीय परिषद में 41 सदस्यों के स्पष्ट बहुमत मिला। जिसके बाद इसे लागू कर दिया गया। इस कानून के तहत कोई भी पीड़ित, उसके पैरेंट्स, भाई-बहन या कोई अन्य जो ब्लड रिलेशन, मैरिटल या अडॉप्टेड रिलेशन में हो, वह धर्म परिवर्तन के खिलाफ शिकायत कर सकता है। जो कोई भी धारा तीन प्रावधानों का उल्लंघन करेगा, उसे कानून के अनुसार कारावास की सजा दी जाएगी।