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Litreture

कविता : योगी होजा

कहा श्रीकृष्ण ने अर्जुन से, योगी होजा। चौंक पड़े वार्ष्णेय,योगी और मैं? अपने ही बहनोई को बना रहे योगी?? हां अर्जुन! होगी दुख से निवृत्ति। नहीं पडेगा दुख सुख का असर। नहीं बंधेगा कर्म बंधन में। मिलेगा सत्य,चेतन और आनंद। जानेगा दुनियां का सच । न होगा तनाव और न होगी कर्मफलासक्ति।। करेगा कर्म ,फिर […]

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