#Kalakhand

Analysis

नेताजी ने ही सर्वप्रथम महात्मा गांधीजी को राष्ट्रपिता कहा था,

के. विक्रम राव करीब आठ दशक हुये। आज ही के दिन (6 जुलाई 1944) स्वतंत्र बर्मा की राजधानी रंगून (अब यांगून) से प्रसारित अपने उद्बोधन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने महात्मा गांधी को “राष्ट्रपिता” कहकर संबोधित किया था। तब दो माह पूर्व ही (14 अप्रैल 1944) आजाद हिंद फौज ने मोइरंग (मणिपुर) को ब्रिटिश साम्राज्यवाद […]

Read More