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कविता : उपवन में सुंदर पुष्प खिलाते जाते हो

भाई मेरे, मेरे अंदर से शत शत नमन, केवल और केवल यह शत शत नमन, का सादर आदर भाव निकल रहा है, यह भी आपकी कविता का असर है। आपको कदाचित संख्या भान नहीं होगा, कितने मित्रों की तलाश पूर्ण किया होगा, उपवन में सुंदर पुष्प खिलाते जाते हो, उनकी ख़ुशबू सबको देकर ख़ुश होते […]

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