…अब खत्म होने वाला है सहारा शहर का अस्तित्व, नगर निगम ने जमाया कब्जा

  • कुछ दिनों पहले ही कर्मचारियों ने बंद कर दिया था सहारा शहर का बिजली-पानी
  • नगर निगम का बयान- साल 2024 में ही खत्म हो गया सहारा शहर का लीज
  • पूरे 75 एकड़ के आलीशान महल को क्या करेगा नगर निगम, अभी तय नहीं

आशीष द्विवेदी

लखनऊ। कभी गोरखपुर का नाम आते ही सहारा  का नाम लोगों के जेहन में बरबस कौंध जाता था। राजधानी लखनऊ से लगायत आर्थिक राजधानी मुम्बई तक इनका साम्राज्य फैला हुआ था। लेकिन अब उनकी ख्याति मटियामेट हो चुकी है। सहारा यानी सुब्रत रॉय की मौत के बाद सहारा ग्रुप अब पूरी तरह से बर्बादी के कगार पर है। इसी कड़ी में नया घटनाक्रम लखनऊ स्थित उनका राजमहल परिसर यानी सहारा शहर भी शामिल हो गया है।

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राजधानी के गोमती नगर स्थित सहारा सिटी को लखनऊ नगर निगम (LMC) ने छह अक्टूबर यानी सोमवार को पूरी तरह से सील कर दिया है। कुछ दिन पहले नगर निगम ने सहारा सिटी के बाहर नोटिस बोर्ड लगाया था, जिसमें स्पष्ट लिखा गया था कि ‘यह भूमि लखनऊ नगर निगम’ की है। इस पर किसी प्रकार का अतिक्रमण या कब्जा करना दंडनीय अपराध है। बताते चलें कि इसके एक हफ्ता पहले यहां कार्यरत कर्मचारियों ने सहारा शहर का बिजली-पानी और आवागमन सब बंद कर दिया था। आलम यह था कि कोई गेट खोलकर अंदर न चला जाए, इसके लिए कर्मचारियों ने गेट पर वेल्डिंग करा दिया था। लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि उनका यह कदम किसी के लिए फायदे का सौदा साबित होगा।

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लखनऊ नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि यह भूमि 1994 में लखनऊ नगर निगम से लीज पर ली गई थी, जिसकी अवधि 2024 में समाप्त हो चुकी है। लीज की अवधि पूरी होने के बाद नगर निगम ने 75 एकड़ भूमि पर दोबारा कब्जा ले लिया है। अब सहारा सिटी को पूरी तरह से सील कर दिया गया है और किसी भी व्यक्ति को अंदर जाने की अनुमति नहीं है।

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नगर निगम की टीम ने सोमवार को कार्रवाई करते हुए सहारा शहर के मुख्य द्वार पर चार बड़े ताले जड़ दिए। वहीं अंदर मौजूद कर्मचारियों को अपना सामान लेकर बाहर निकलने को कह दिया गया। सहारा शहर में पिछले 20 साल के कार्य कर रहे साहुन खान बताते हैं कि यहां रहने वाले अधिकारी पहले ही परिसर खाली कर चुके हैं। सहारा परिवार से जुड़े लोग भी अब पूरी तरह से यहां से जा चुके हैं। यहां अब कोई नहीं रहता, कुछ कर्मचारी यहां रहते हैं। उन्हें भी बाहर निकलने के लिए नगर निगम ने कह दिया है। सूत्रों का कहना है कि यह प्रापर्टी सहारा  से खाली कराकर सरकार अडानी को सौंपने जा रही है।

एक कर्मचारी ने भर्राएं कंठ से बताया कि वह पिछले 25 साल से यहां नौकरी कर रहा था, अब इसे खाली करना बेहद दुखद है। गौरतलब है कि सहारा शहर के अंदर अत्याधुनिक हेल्थ सेंटर, सिनेमाघर, छह हजार सीटों वाला ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, विशाल लॉन और एक क्रिकेट स्टेडियम मौजूद है। साल 2007 में भारत और पाकिस्तान की क्रिकेट टीमों ने यहीं ठहरकर इसी मैदान में नेट प्रैक्टिस की थी।

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