दो टूक : अगर राहुल देश का अपमान कर रहे तो मोदी ने पहले क्यों किया

राजेश श्रीवास्तव


राहुल गांधी इन दिनों ब्रिटेन की धरती से देश की मोदी सरकार की कमियां गिना रहे हैं। इसको लेकर पूरे देश में दो ख्ोमों में लोग बंट गये हैं। कोई कह रहा है कि देश को बदनाम करने की साजिश हो रही है तो कोई कह रहा है कि राहुल ठीक कर रहे हैं। परंतु हमें समझना होगा कि आखिर ब्रिटेन की धरती से इन दिनों जो हो रहा है क्या वह किसी प्रधानमंत्री ने विदेश की धरती से नहीं किया। क्या किसी ने भारत के गौरवशाली इतिहास को धूल-धूसरित करने की कोशिश नहीं की। राहुल ने अब तक करीब सात बार विदेश से मोदी सरकार को घेरा है। राहुल गांधी का ब्रिटेन में यह कहना कि जो लोग प्रधानमंत्री मोदी या उनकी सरकार पर सवाल उठाते हैं, उस पर हमला किया जाता है। मेरे साथ भी यही हुआ। मेरे फोन की जासूसी होती है। विपक्ष के खिलाफ केस दर्ज किए जाते हैं। भारत में विपक्षी नेता के तौर पर यह एक ऐसा दबाव है, जो लगातार झेलना पड़ता है। राहुल के बयान पर बीजेपी ने ऐतराज जताया है।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि राहुल विदेशी धरती पर भारत को बदनाम कर रहे हैं।  पिछले छह सालों में कई मौके आये जब राहुल गांधी ने विदेशी धरती से मोदी सरकार पर हमला बोला । मई 2०22 में भी ब्रिटेन से ही राहुल गांधी ने कहा कि भारत की आवाज दबा दी गई है । राहुल कहते हैं कि आवाज के बिना आत्मा का कोई मतलब नहीं है, भारत की आवाज दबा दी गई है। कांग्रेस अब भारत के लिए लड़ रही है।यह एक वैचारिक लड़ाई है। अगस्त 2०18 में ब्रिटेन और जर्मनी में राहुल ने कहा कि भारत में रोजगार की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री उस पर बात नहीं करना चाहते। चीन हर रोज 5० हजार लोगों को रोजगार देता है, जबकि भारत में रोजाना 4०० लोगों को ही रोजगार मिलता है। राहुल गांधी ने इस दौरान मोदी की तुलना ट्रंप जैसे पॉपुलर नेताओं से की। उन्होंने कहा कि लोगों की रोजगार जैसी समस्याएं सुलझाने के बजाय ये नेता उनके गुस्से का फायदा उठाते हैं। ऐसा करके ये लोग देश को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों को अब सरकारी लाभ नहीं मिलता। गरीबों की योजनाओं का पैसा अब महज चंद बड़े कॉरपोरेट को दिए जा रहे हैं। मार्च 2०18 में मलेशिया से नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा था। राहुल ने भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा था कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता और कोई मुझे नोटबंदी करने के प्रस्ताव की फाइल देता, तो मैं उसे कचरे के डिब्बे में, कमरे से बाहर या कबाड़खाने में फेंक देता। मार्च 2०18 में सिगापुर में उन्होंने कहा कि कुछ लोग चुनाव जीतने के लिए नफरत और हिसा का सहारा ले रहे हैं । जनवरी 2०18 मंे बहरीन में कहा कि सरकार जॉब क्रिएट करने में नाकाम रही । सितंबर 2०17 में अमेरिका में बोले कि आज भारत में नफरत और हिसा की राजनीति हो रही है।

दो टूक : आखिर अखिलेश कब समझेंगे!

लेकिन हमें समझना होगा कि दरअसल राजनीतिक दलों का काम ही आलोचना करना होता है। सकारात्मक बात करने से कोई फायदा नहीं होता है। जब भाजपा विपक्ष में थी तो वो भी यही काम करती थी। बीजेपी पूरे समय जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिह और सोनिया गांधी की आलोचना करती थी। सितंबर 2०14 में मैडिसन स्क्वायर में भी प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते रहे हैं। सोशल मीडिया के जमाने में देश-विदेश की बात करना जायज नहीं । आज जब हर चीज रियल टाइम पर सबको मिल रही है तो ऐसे में देश और विदेश की बात करना कहीं से जायज नहीं हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सिर्फ भारत में तो है नहीं। ऐसे में कोई भी व्यक्ति चाहे चंडीगढ़ में बोले या लंदन में उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।

आज संचार माध्यमों को जो स्वरूप है वो हर जगह मौजूद है। ऐसे में ये कहना कि राहुल गांधी देश को बदनाम कर रहे हैं ये सही नहीं है। देश में विपक्ष और सत्ताधारी दल के बीच जो राजनीतिक शिष्टाचार का भाव होता है उसका अभाव है। इसलिए जो आरोप लगाए जाते हैं वो काफी तीखे और व्यक्तिगत होते हैं। राजनीति में मतभेद होना स्वाभाविक है, लेकिन मनभेद होना अटपटा होता है। कोई भी जो भारत का नागरिक है, वो कहीं भी भारत के बारे में, उसकी व्यवस्था के बारे में बात कर सकता है। राहुल विपक्ष के नेता हैं तो सरकार की आलोचना ही करेंगे। ये कौन सा नियम है कि देश में रहेंगे तो सरकार की आलोचना करेंगे और विदेश में जाएंगे तो सरकार की तारीफ करेंगे। सरकार देश का पर्याय नहीं है। सरकार अस्थायी है यानी आती जाती रहती हैं और देश स्थायी होता हैं।  इसलिए सरकार के कामों की आलोचना भी होगी और तारीफ होगी। प्रधानमंत्री मोदी भी विदेश में जाते हैं तो नेहरू की आलोचना करते हैं। कहते हैं कि आजादी के 7० साल में कुछ नहीं हुआ। यह सब उन्होंने विदेशी धरती पर ही कहा है। राजनीतिक दल कह रहे हैं कि राहुल देश के प्रति संवेदनशील नहीं है। इस वक्त अगर आप सरकार की आलोचना करते हैं तो ऐसा माहौल बनाया जाता है कि आप देश की आलोचना कर रहे हैं। और अगर राहुल गांधी ने देश का अपमान किया है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी ने भी तो पहले यही किया था। तब क्यों नहीं आवाज उठायी गयी।

Raj Dharm UP

दावे फेल जारी है हैवानियत: तमाम कोशिशों के बावजूद थम नहीं रहीं दुष्कर्म की घटनाएं

हिफाजत बनी चुनौती: राजधानी लखनऊ नाबालिग को बंधक बनाकर गैंगरेप पीड़ित परिवार की तहरीर पर नामजद रिपोर्ट दर्ज ए अहमद सौदागर लखनऊ। यूपी में महिलाओं व लड़कियों की हिफाजत चुनौती बनती जा रही है। बीते दिनों हुई कई घटनाओं के मामले शांत भी नहीं पड़े कि राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची […]

Read More
Central UP Raj Dharm UP

मंत्री हलकान, प्रशासन परेशान, दो माह में आधा दर्जन बंदियों ने की जेल में आत्महत्या

जेलों में बंदियों की आत्महत्याओं पर एक्शन में जेलमंत्री! प्रमुख सचिव और डीजी जेल को घटनाएं रोकने के दिए निर्देश दो माह में आधा दर्जन बंदियों ने की जेल में आत्महत्या राकेश यादव लखनऊ। प्रदेश की जेलों में बंदियों के आत्महत्याओं की घटना को जेलमंत्री ने गंभीरता से लिया है। जेलमंत्री ने विभाग के आला […]

Read More
Raj Dharm UP

बैंकॉक से DEPORT स्क्रैप माफिया खेलने लगा खेल, अब इस कदम से मचा हड़कंप

खबर मिलते ही जेल प्रशासन में मचा हड़कंप, हाई सुरक्षा बैरक में रखा गया काना  रवि काना और काजल को पुलिस रिमांड पर लेकर करेगी पूछताछ रवि – सुंदर भाटी गिरोह के बीच चल दुश्मनी की बात आई सामने, जांच पड़ताल में जुटी पुलिस  ए अहमद सौदागर लखनऊ । सूबे की जेलों में हाई सुरक्षा […]

Read More