उमेश तिवारी
नौतनवा/महराजगंज। नेपाल में स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भैरहवा में आयोजित 8 वें लुंबिनी राष्ट्रीय महोत्सव का सोमवार की शाम समापन हो गया। नौ से 19 दिसम्बर तक आयोजित महोत्सव में करीब दो लाख दर्शकों की उपस्थिति रही वही 50 मिलियन से अधिक लेनदेन किए गए।
आयोजकों का कहना है कि भैरहवा में कोविड के कारण अक्सर ठप पड़े आर्थिक क्षेत्र को गति देने के उद्देश्य से महोत्सव का आयोजन किया गया था और यह कुछ हद तक सफल भी रहा है। मेले के अंत में बोलते हुए उद्योगपतियों और व्यापारियों ने राज्य पर उद्योगपतियों और व्यापारियों की समस्याओं को नहीं समझने का आरोप लगाया। फेडरेशन ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष पशुपति मुरारका ने कहा कि अब हर क्षेत्र संकट में है। वर्तमान स्थिति के कारण, वह दिसंबर के महीने में बैंक में ब्याज और किश्तों का भुगतान भी नहीं कर सकते हैं । उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य को व्यापारियों के समस्याओं का समाधान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य के इस रवैये के कारण अब 80 प्रतिशत से अधिक व्यवसाय काली सूची में डाल दिए गए हैं। व्यवसायियों को बैंक का पैसा देने के लिए सरकार को राहत देनी चाहिए।, “देश का क्या होगा अगर राज्य कोई समाधान नहीं दे पाएगा। उद्योग संकट में होने पर राज्य को उद्योग को बचाने में भूमिका निभानी चाहिए। सिद्धार्थ उद्योग वाणिज्य संघ के अध्यक्ष भीष्म न्योपाने ने कहा कि मेले का उद्देश्य भैरहवा और इसके आसपास के बाजारों में उपभोक्ता गतिविधि को बढ़ाना है, जो भारतीय बाजार के कारण सुनसान हैं, और इसमें वे कुछ हद तक सफल भी हुए हैं। त्योहार के चलते भैरहवा और उसके आसपास के इलाके छोटे होते हुए भी सक्रिय हैं। इस मौके पर कृष्णा प्रसाद शर्मा, कृष्ण प्रसाद घिमिरे, डॉ शांत कुमार शर्मा, संदीप अग्रवाल, विजय पांडेय सहित बड़ी संख्या में व्यापारी लोग मौजूद रहे।